सनातन धर्म के अनुसार जानिए किस दिन लगाएं कौन सा तिलक
सनातन धर्म में पूजा-पाठ, हवन और यज्ञ आदि का विशेष महत्व है. हर वर्ग के लोग अपनी श्रद्धानुसार पूरे विधि-विधान से अपने इष्ट देवता की आराधना करते हैं.
सनातन धर्म में पूजा-पाठ, हवन और यज्ञ आदि का विशेष महत्व है. हर वर्ग के लोग अपनी श्रद्धानुसार पूरे विधि-विधान से अपने इष्ट देवता की आराधना करते हैं. हिन्दू धर्म में तिलक का विशेष महत्व है. पूजा-पाठ के दौरान भगवान को और पूजा समाप्त होने पर उपासक स्वयं को तिलक लगाता है.
तिलक या टीका विभिन्न प्रकार के होते हैं. प्राय: ये हल्दी, सिन्दूर, केसर, भस्म, चंदन और अक्षत आदि का बनाया जाता है. तिलक को अनामिका उंगली से लगाना शुभ माना जाता है. विभिन्न मान्यताओं के अनुसार, भगवान को दिन के अनुसार तिलक लगाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इससे भगवान प्रसन्न रहते हैं. आइये आपको बताते हैं विशेष दिन पर तिलक लगाकर कैसे भगवान की कृपा प्राप्त करें.
सोमवार
सप्ताह की शुरूआत सोमवार के साथ होती है. इसके साथ ही यह मान्यता है कि ये दिन भगवान शंकर का होता है. चन्द्रमा इस दिन का स्वामी ग्रह है. यदि आपका मन चंचल है और आपका मन किसी एक काम में नहीं लगता है तो सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करके सफेद चंदन का तिलक करना चाहिये. इसके बाद खुद को भी सफेद चन्दन का तिलक लगाना चाहिये. सोमवार को आप भोलेनाथ की विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं.
मंगलवार
सप्ताह का दूसरा दिन मंगलवार होता है. इस दिन हनुमान जी का विशेष दिन भी होता है. मंगल ग्रह को इस दिन का स्वामी माना गया है. लाल रंग हनुमान जी को विशेष प्रिय है. अत: इस दिन हनुमान जी को लाल चन्दन का तिलक करें और लाल चोला चढ़ाने से विशेष क्रपा प्राप्त होती है.
बुधवार
सप्ताह का तीसरा दिवस बुधवार होता है. ये दिन देवी दुर्गा भवानी के साथ भगवान गणेश को समर्पित है. बुध इस दिन का स्वामी ग्रह होता है. इस दिन देवी दुर्गा और गणेश जी की उपासना कर सूखे सिन्दूर का तिलक धारण करना चाहिए.
गुरुवार
गुरूवार हफ्ते का चौथा दिन है. ये दिन भगवान ब्रम्हा को समर्पित है. इस दिन के स्वामी बृहस्पति हैं. इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी और केसर को मिलाकर तिलक लगाना चाहिए.
शुक्रवार
शुक्रवार सप्ताह का पांचवां दिन होता है. इस दिन को माता लक्ष्मी जी का दिन माना गया है. इस दिन का स्वामी शुक्र है. मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करके लाल चन्दन का तिलक धारण करना चाहिए. इससे भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है.