गरूड़ पुराण के मुताबिक वो कौन-से कर्म हैं जो व्यक्ति को स्वर्ग दिलाते हैं
जिस तरह लोग अच्छा जीवन जीना चाहते हैं वैसे ही मरने के बाद स्वर्ग में जाना चाहते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ खास काम करने होते हैं, तभी उन्हें स्वर्ग मिलता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धर्म-पुराणों में अच्छे-बुरे कर्मों के बारे में विस्तार से बताया गया है. साथ ही कर्मों के आधार पर मिलने वाले स्वर्ग-नर्क के बारे में भी बताया गया है. जो लोग बुरे कर्म करते हैं उन्हें नर्क मिलता है और अपने कर्मों के मुताबिक यातनाएं भुगतनी पड़ती हैं. इसी तरह अच्छे कर्म करने वाले लोगों को स्वर्ग मिलता है. वहीं ईश्वर की प्रार्थना में लीन रहने वाले लोग बैकुंठ (मोक्ष) में स्थान पाते हैं. गरूड़ पुराण में इन तीनों ही जगहों के बारे में बताया है और उनके लिए कर्मों की व्याख्या भी की गई है. आइए जानते हैं कि गरूड़ पुराण के मुताबिक वो कौन-से कर्म हैं जो व्यक्ति को स्वर्ग दिलाते हैं.
ये कर्म दिलाते हैं स्वर्ग
भगवान विष्णु और पक्षीराज गरुड़ के बीच हुई चर्चा को गरूड़ पुराण में समाहित किया गया है. इसमें भगवान विष्णु बताते हैं कि जिन आत्माओं को स्वर्ग में स्थान मिलता है उन्हें यमराज स्वयं अपने भवन से स्वर्ग के द्वार तक छोड़ने के लिए आते हैं. वहां द्वार पर अप्सराएं उनका स्वागत करती हैं. मरने के बाद ऐसे सुख उन्हीं लोगों को मिलते हैं जो अपने जीवनकाल में बहुत अच्छे कर्म करते हैं.
- ऐसे लोग जो दूसरों के पानी पीने के लिए इंतजाम कराते हैं, उन्हें स्वर्ग में स्थान मिलता है. जैसे कुएं, तालाब और प्याऊ बनवाना. जानवरों के लिए भी पीने के पानी की व्यवस्था करने वाले लोग स्वर्ग में जाते हैं.
- ऐसे लोग जो हमेशा महिलाओं का सम्मान करते हैं और उनके उद्धार के लिए काम करते हैं, उन्हें भी स्वर्ग में स्थान मिलता है.
- जो लोग अपनी मेहनत और ईमानदारी से पैसा कमाते हैं और उसका एक हिस्सा गरीबों की मदद में उपयोग करते हैं, वे भी बहुत पुण्यशाली होते हैं. उन्हें भी स्वर्ग में जगह मिलती है.
- ऐसे लोग जो ऋषि-मुनियों का आदर करते हैं. उनके लिए भोजन और अन्य सुविधाओं का इंतजाम करते हैं, उनकी सेवा करते हैं. मंदिर का निर्माण कराते हैं, वेद-पुराणों का अध्ययन करते हैं. वे मरने के बाद स्वर्ग में खूब आनंद पाते हैं.
- जो लोग पूरी जिंदगी अच्छे कर्म करते हैं और स्वभाविक मृत्यु प्राप्त करते हैं, वे भी स्वर्ग पाने योग्य होते हैं.