चाणक्य नीति के अनुसार शत्रुओ को परास्त करने में मदद करती हैं ये चीजें,

हर व्यक्ति के जीवन में कई ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते हैं।

Update: 2021-08-10 09:09 GMT

हर व्यक्ति के जीवन में कई ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते हैं। कई बार ये आपको सफलता हासिल करता देख आपका अहित करने की कोशिश करते हैं। चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से कभी डरना नहीं चाहिए। ऐसे लोगों से खुद का बचाव करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी कई बातों का जिक्र किया है, जो आपको आगे बढ़ने और शत्रु को परास्त करने में मदद करती हैं। अगर आप भी अपने प्रतिद्वंदियों और शत्रु को परास्त करना चाहते हैं, तो जान लें चाणक्य की ये बातें-

1. शत्रु को न समझें कमजोर- चाणक्य कहते हैं कि शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। जो अपनी सफलता में मग्न होकर शत्रु को कमजोर समझने लगते हैं वह धोखा खाते हैं। चाणक्य का मानना है कि जो आपके साथ प्रतियोगिता के उद्देश्य से मैदान में उतरा है, वह निश्चित ही अपनी जीत के लाख प्रयास करेगा। इसलिए शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए।

2. क्रोध से बचें- चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को क्रोध से बचना चाहिए। गुस्से में व्यक्ति निश्चित तौर पर कोई न कोई गलती कर बैठता है। इसलिए शत्रु आपको कभी भी उकसाकर क्रोध दिलाने की कोशिश कर सकता है। लेकिन आप अपने क्रोध पर काबू रखें।

3. हिम्मत न हारें- नीति शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। अगर लक्ष्य बड़ा है, तो उसकी तैयारी भी बड़ी है। जाहिर है सफलता पाने में समय भी ज्यादा लगेगा। ऐसे में व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक तौर पर तैयार होना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि धैर्य के साथ लक्ष्य की ओर व्यक्ति को बढ़ते रहना चाहिए। एक दिन उसे सफलता जरूर हासिल होगी।



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