चाणक्य नीति के अनुसार : इन कार्यों को करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, लक्ष्मी जी का मिलता है आशीर्वाद

सफलता की कुंजी कहती है कि बड़ा लक्ष्य संसाधनों से नहीं आत्मविश्वास से हासिल किया जाता है

Update: 2021-09-01 16:22 GMT

Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts in Hindi: सफलता की कुंजी कहती है कि बड़ा लक्ष्य संसाधनों से नहीं आत्मविश्वास से हासिल किया जाता है. इतिहास के पन्नों में ऐसे न जाने कितने युद्ध और लड़ाइयां दर्ज हैं, जिन्हें हाथियारों और संख्या बल से नहीं बल्कि आत्मविश्वास से जीता गया है.

व्यक्ति जब एक बार बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर लेता है तो उसे संसाधनों की चिंता नहीं करनी चाहिए. इतिहास में वही अपना नाम दर्ज कराता है तो संघर्ष, परिश्रम और आत्मविश्वास से सफलता हासिल करता है. ऐसे लोग सभी के लिए प्रेरणा का कार्य करते हैं. शिक्षा, जॉब, करियर और बिजनेस आदि में भी यही बात लागू होती है. इन क्षेत्रों में सफलता के लिए सबसे पहली और जरूरी चीज है, आत्मविश्वास.
विद्वानों की मानें तो जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है, वो चाहें कितना ही प्रतिभाशाली क्यों न हो, सफलता उससे दूर ही रहती है. वहीं जो आत्मविश्वास से लबरेज रहता है, उसके लिए कोई भी मंजिल दूर नहीं होती है. इसलिए आत्मविश्वास को जीवन की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. आत्मविश्वास में वृद्धि कैसे होती है, आइए जानते हैं-
गलत कार्यों से दूरी- विद्वानों की मानें तो गलत आदतें व्यक्ति के आत्मविश्वास को सबसे अधिक कमजोर बनाती हैं. इसलिए हर प्रकार के गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो श्रेष्ठ गुणों को अपनाना चाहिए और अवगुणों का त्याग करना चाहिए. श्रेष्ठ गुणों को अपनाने से लक्ष्मी जी की भी कृपा प्राप्त होती है.
असफलता से घबराएं नहीं- विद्वानों की मानें तो व्यक्ति को असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए. जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए तब तक निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए. परिश्रम करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, कार्य के पूर्ण होने की संभावना बढ़ जाती है.


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