Religion Desk :: गुप्त नवरात्र के पांचवें दिन करे 5 अद्भुत संयोग

Update: 2024-07-09 12:34 GMT
धर्म डेस्क Religion Desk : गुप्त नवरात्र के पांचवें दिन जगत जननी मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा Worship of Skandmata in the fifth form की जाती है। साथ ही स्कंद माता के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। स्कंदमाता की पूजा करने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। तंत्र सीखने वाले साधक मां स्कंद की साधना निशा काल में होती है। ज्योतिषियों की मानें तो गुप्त नवरात्र के पांचवें दिन 5 मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में मां स्कंद की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए जानते हैं- नक्षत्र योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र को शुभ मानते हैं। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के दौरान शुभ कार्य कर सकते हैं।
करण
गुप्त नवरात्र के पांचवें दिन Fifth day of Gupt Navratri बव और बालव करण का संयोग बन रहा है। सबसे पहले बव करण का निर्माण हो रहा है।
रवि योग
ज्योतिषियों की मानें तो According to the astrologers आषढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है। वहीं, समापन 10 जुलाई को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर होगा।
शिववास योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव जगत की देवी मां पार्वती के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दौरान मां पार्वती की पूजा करने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
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