भारत के 5 सबसे प्रसिद्ध देवी दुर्गा के मंदिर

भारत में विशेष रूप से देश के उत्तरी हिस्सों में नवरात्रि बहुत उत्सव के साथ मनाई जाती है, जिसमें भक्त देश भर के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों में आते हैं

Update: 2021-10-13 04:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में विशेष रूप से देश के उत्तरी हिस्सों में नवरात्रि बहुत उत्सव के साथ मनाई जाती है, जिसमें भक्त देश भर के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों में आते हैं. इस समय के दौरान, लोग नौ दिनों का उपवास रखते हैं और मां शक्ति (देवी दुर्गा का एक रूप) के विभिन्न रूपों की प्रार्थना करते हैं. इस दौरान कई भक्त भारतीय उपमहाद्वीप में फैले शक्ति पीठों में भी आते हैं.

ये 51 शक्तिपीठ हिंदुओं के लिए सबसे पूजनीय और प्रमुख पूजा स्थल हैं, जहां पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे. धार्मिक रूप से इच्छुक भारत में किन मंदिरों में घूमने जा सकते हैं आइए जानें.
भारत के 5 सबसे प्रसिद्ध देवी दुर्गा के मंदिर
कामाख्या मंदिर (गुवाहाटी)
गुवाहाटी में कामाख्या देवी मंदिर भारत में सबसे प्रमुख शक्ति पीठों में से एक माना जाता है. यहां एक गुफा के अंदर योनि की एक मूर्ति है, जिसे पवित्र माना जाता है. इस मंदिर में हर साल देश भर से लोग आते हैं. यहां तक ​​कि नवरात्रि भी यहां बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाई जाता है. इस दौरान मंदिर में भारी भीड़ देखी जाती है.
माता वैष्णो देवी मंदिर (जम्मू एंड कश्मीर)
जम्मू और कश्मीर के कटरा जिले में वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए साल भर सैकड़ों और हजारों तीर्थयात्री आते हैं. ये देश के 108 शक्तिपीठों में से एक है. देवी वैष्णो देवी को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है और वो मंदिर की पवित्र गुफा के भीतर चट्टानों के रूप में निवास करती हैं. भक्त आमतौर पर कटरा से 13 किमी की चढ़ाई पर चढ़ते हैं और मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने के लिए लंबी कतारों में खड़े होते हैं.
महाकाली देवी मंदिर (उज्जैन)
महाकाली देवी मंदिर मध्य प्रदेश में क्षिप्रा नदी के किनारे एक प्राचीन शहर उज्जैन में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती का ऊपरी होंठ उस जमीन पर गिरा था जहां आज ये मंदिर है. ग्रह कालिका, महालक्ष्मी और सरस्वती अन्य देवी रूप हैं जिनकी यहां पूजा की जाती है.
कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में कालीघाट मंदिर
कोलकाता के इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है. लोकप्रिय मान्यता ये है कि देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था जहां आज ये मंदिर है. कालीघाट मंदिर में अप्रैल और अक्टूबर (नवरात्रि के महीनों) के दौरान हजारों भक्तों की भीड़ रहती है. ये प्रमुख मंदिर 2000 वर्ष से भी अधिक पुराना है और आदि गंगा नामक एक छोटे से जल निकाय के तट पर स्थित है. इस मंदिर की यात्रा करें क्योंकि ये एक महत्वपूर्ण शक्ति पीठ के रूप में मशहूर है.
मैसूर (कर्नाटक) में चामुंडेश्वरी मंदिर
ये मैसूर में चामुंडी पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है. कहा जाता है कि यहां सती के बाल गिरे थे और बाद में 12वीं शताब्दी में होयसल शासकों ने देवी के नाम पर एक मंदिर बनवाया. इस मंदिर की यात्रा करें और इसकी भव्य वास्तुकला को आनंद लें.


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