3 बातें आएंगी सबसे ज्‍यादा काम दुश्‍मन को हराना चाहते तो जान लें ये बातें

दुश्‍मन सभी की जिंदगी में होते हैं, भले ही वे दिखाई दें या न दें. कुछ दुश्‍मन सामने आकर वार करते हैं,

Update: 2021-12-19 08:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   दुश्‍मन सभी की जिंदगी में होते हैं, भले ही वे दिखाई दें या न दें. कुछ दुश्‍मन सामने आकर वार करते हैं, वहीं कुछ दोस्‍त बनकर दुश्‍मन से ज्‍यादा नुकसान पहुंचाते हैं. खैर, दुश्‍मन किसी भी रूप में आए उससे निपटना जरूरी है. महान कूटनी‍तिज्ञ आचार्य चाणक्‍य ने दुश्‍मनों से लड़ने और जीतने के ऐसे तरीके बताए हैं, जिन्‍हें अपनाकर हर दुश्‍मन पर जीत पाना तय है.

हर दुश्‍मन को दे देंगे मात
आचार्य चाणक्‍य की नीतियों पर चलकर ही चंद्रगुप्‍त ने नंद वंश का शासन प्राप्‍त किया था. आचार्य चाणक्‍य का मानना था कि दुश्‍मन कैसा भी हो उससे घबराना नहीं चाहिए. बल्कि खुद को उससे ज्‍यादा ताकतवर बनाकर उस पर जीत हासिल करना चाहिए. इसके लिए कुछ बातों को अपनाना जरूरी है.
- चाणक्‍य नीति में कहा गया है कि दुश्‍मन कितना भी ताकतवर हो कभी भी उसके आगे घुटने न टेकें. उससे लड़ने के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार करें. इसके बाद बाकी तैयारी करें. यदि लड़ाई में असफल भी हो जाएं तो भी हिम्‍मत न हारें. अपनी गलती ढूंढें और फिर से दुश्‍मन को हराने में जुट जाएं. आपकी जीत जरूर होगी. क्‍योंकि आपको कमजोर समझकर दुश्‍मन कोई न कोई गलती जरूर करेगा.
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- चाणक्‍य कहते हैं कि आप कितने भी बलवान क्‍यों न हों लेकिन शत्रु को कम न समझें. यदि शत्रु की ताकत का सही अंदाजा लगा लेंगे तो आपकी जीत पक्‍की है. साथ ही आपके संसाधन भी बर्बाद नहीं होंगे.
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- चाणक्‍य नीति में कहा गया है कि इंसान का सबसे बड़ा दुश्‍मन उसका गुस्‍सा है. जो लोग ठंडे दिमाग से काम नहीं लेते हैं, उन्‍हें हराना बहुत आसान होता है. लिहाजा अपना दिमाग हमेशा ठंडा रखें और दुश्‍मन को आपको मात देने का कोई मौका न दें.


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