देवशयनी एकादशी पर बन रहे 3 खास योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Update: 2022-06-28 14:44 GMT

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं. वैसे तो साल में कुल 24 एकादशी आती हैं, लेकिन इनमें देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा कहते हैं कि देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं. इसके बाद भगवान कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं. इस अवधि को चतुर्मास कहा जाता है, जिसमें सभी शुभ और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. इस साल देवशयनी एकादशी रविवार, 10 जुलाई को पड़ रही है.

देवशयनी एकादशी की तिथि
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार, 9 जुलाई को शाम 4 बजकर 40 मिनट से लेकर अगले दिन यानी रविवार, 10 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के कारण देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को ही रखा जाएगा.

देवशयनी एकादशी पर तीन शुभ योग
इस बार देवशयनी एकादशी पर तीन खास योग बन रहे हैं. इस दिन रवि योग, शुभ योग और शुक्ल योग का निर्माण होने जा रहा है. रवि योग सुबह 5 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. वहीं, शुभ योग सूर्योदय के साथ प्रारंभ होगा. इसके समाप्त होते ही शुक्ल योग लग जाएगा.

देवशयनी एकादशी की पूजन विधि
देवशयनी एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें. श्रीहरि की मूर्ति को पीले वस्त्र पहनाएं. पीले फल, फूल, पान, सुपारी अर्पित करें. चंदन से तिलक करें. इसके बाद धूप, दीप और पुष्प चढ़ाकर आरती उतारें. पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और स्वयं फलाहार ग्रहण करें. रात के समय भगवान के भजन सुनें. स्वयं सोने से पहले भगवान को शयन कराएं।

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