जानें रंगभरी एकाशी के दिन कैसे करें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

आमलकी एकादशी को रंगभरी एकाशी के नाम से भी जाना जाता है.

Update: 2022-03-12 03:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमलकी एकादशी को रंगभरी एकाशी के नाम से भी जाना जाता है. यह एकादशी प्रसिद्ध एकादशियों में से एक है जो फाल्गुन मास (Phalgun Mas) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि रंगभरी एकादशी पर यदि शिव जी और पार्वती जी की विधि पूर्वक पूजा की जाए तो वह जल्दी प्रसन्न होकर सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं. ऐसे में आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि रंगभरी एकादशी पर माता पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा कैसे की जाए. पढ़ते हैं आगे…Also Read - Amalaki Ekadashi 2022: जानें रंगभरी एकादशी पर व्रत रखने का महत्व, बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा

रंगभरी एकादशी पर कैसे करें पूजा
सबसे पहले व्यक्ति को इस दिन ब्रह्म मुहूर्त यानि सुबह 4:00 बजे उठकर स्नान आदि करना चाहिए और उसके बाद रंगभरी एकादशी व्रत का संकल्प करना चाहिए.
इस बार रंगभरी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. ऐसे में इस दिन व्रत रखने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
अभी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति को विराजमान करें. अब उस
मूर्ति के आगे चावल, फूलों की माला, कुछ फूल, लाल चंदन और माता पार्वती के लिए लाल सिंदूर, श्रृंगार आदि को चढ़ाएं.
अब माता पार्वती और भगवान शिव के आगे घी के दीपक जलाएं और आरती करें.
अब आप अगले दिन यानि 15 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शिवजी की पूजा करने के बाद सूर्य देव के बाद पारण करके अपने व्रत को पूरा करें.


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