महाशिवरात्रि पर भगवान शिव बेलपत्र अर्पित करने से होते हैं प्रसन्न

भगवान भोलेनथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा।

Update: 2022-02-15 01:58 GMT

भगवान भोलेनथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। इस साल महाशिवरात्रि का यह पर्व 1 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है। सभी भक्त प्रभु की पूजा-अर्चना में जुट जाते हैं। कई लोग इस दिन अपने-अपने घरों में रुद्राभिषेक भी करवाते हैं। भगवान भोलेनाथ की कई प्रकार से पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन महाशिवरात्रि पर यदि भक्त बेलपत्र से भगवान शिव की विशेष पूजा करें तो उनके धन संबंधी दिक्कतें दूर हो जाएंगी। आइए जानते हैं क्यों चढ़ाए जाते हैं भगवान शिव को बिल्व पत्र और क्या है इसका लाभ।

भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाए जाने के पीछे एक कथा है जो माता पार्वती से जुड़ी हुई है। कहते हैं भगवान शिव को पति रूप में पाने हेतु माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। उन्होंने भगवान शिव के लिए कई व्रत किए थे। एक बार भगवान शिव बेल के वृक्ष के नीचे तपस्या कर रहे थे कई व्रत भी शिवजी को पाने के लिए माता पार्वती ने किए थे। एक दिन भगवान शिव जंगल में बेलपत्र के वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या कर रहें थे। माता पार्वती जब शिवजी की पूजा के लिए सामग्री लाना भूल गई तो उन्होने नीचे गिरे हुए बेलपत्र से शिवजी को पूरी तरह ढक दिया। जिससे शिवजी अत्यधिक प्रसन्न हुए। तब से भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया जाने लगा और माता पार्वती जब भी शिवजी की पूजा करती तो वे शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बिल्कुल नही भूलती।

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