शनि का राशि परिवर्तन मेष से मीन राशि तक के लोगों को प्रभावित करता है, जानें शनि की महादशा

शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना गया है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं

Update: 2021-09-12 17:21 GMT
  • जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki: शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना गया है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं. शनि ग्रह का गोचर वर्तमान समय में मकर राशि में हो रहा है. शनि मकर राशि से अब कुंभ राशि में गोचर करेंगे. शनि का राशि परिवर्तन कब है, आइए जानते हैं-
शनि राशि परिवर्तन 2022 (Shani Transit In 2022)
शनि का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना गया है. वर्ष 2021 में शनि का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. वर्ष 2021 में शनि का सिर्फ नक्षत्र परिवर्तन है. वर्तमान समय में शनि का श्रवण नक्षत्र में गोचर है. शनि अगले वर्ष यानि वर्ष 2022 में राशि परिवर्तन करेंगे. पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल 2022 को मकर से कुंभ राशि में शनि का प्रवेश होगा. विशेष बात ये है कि इस राशि परिवर्तन के बाद शनि एक बार फिर यानि 12 जुलाई 2022 को शनि व्रकी हो जाएंगे और वक्री अवस्था में ही मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
शनि की महादशा (Shani Mahadasha)
जन्म कुंडली में शनि की महादशा 19 साल के लिए होती है. शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में एक क्रूर ग्रह माना गया है. इसके साथ शनि को न्याय का कारक भी बताया गया है. शनि देव कलियुग के दंडाधिकारी भी हैं. मान्यता है कि शनि देव व्यक्ति को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान करने के लिए नियुक्त किए गए हैं. शनि साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के दौरान अपना प्रभाव दिखाते हैं. शनि की अशुभता से बचने के लिए गलत और अनैतिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.
शनि के उपाय (Shani Ke Upay)
शनि की अशुभता से बचने के लिए शनि देव को प्रसन्न रखने का प्रयास करना चाहिए. आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों की मदद करने और उन्हें दान आदि देने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. लोगों को सताने और कष्ट देने वालों को शनि देव कठोर दंड देने का कार्य करते हैं. इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए.


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