गर्भवती महिलाएं सूर्य ग्रहण में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ मास में साल का पहला सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन 10 जून, 2021 को लग रहा है।

Update: 2021-06-08 02:02 GMT

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ मास में साल का पहला सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन 10 जून, 2021 को लग रहा है। इस बार लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं है, इसलिए धार्मिक कार्यों पर कोई भी मनाही नहीं है। हालांकि बहुत सी बातों की मनाही भी है, खासकर के गर्भवती महिलाओं के लिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर पड़ने की आशंका रहती है। इस दौरान किए गए कुछ काम से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सूर्य ग्रहण में क्या न करें गर्भवती महिलाएं
1. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिला और उसके गर्भ पर भी पड़ सकता है।
2. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए। इससे गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के त्वचा को नुकसान हो सकता है। ग्रहण की छाया गर्भस्थ शिशु के लिए अशुभ माना जाता है।
3. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चाकू, पिन और सुई जैसी नुकीली चीज़ों से दूर रहना चाहिए। कथाओं अनुासार, इनका प्रयोग शिशु में विकृति का कारण बन सकती हैं। ग्रहण के दौरान चाकू, ब्लेड, कैंची जैसी किसी भी काटने वाली वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए।
4. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सिर्फ फलाहार करना चाहिए। ग्रहण के दौरान खाना खाने की मनाही होती है।
5. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को सोने की सलाह नहीं दी जाती है। उन्हें फर्श पर फैली घास पर बैठना चाहिए।
6. सूर्य ग्रहण से पहले और समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को एक बार जरूर स्नान करना चाहिए। इससे ग्रहण के दूषित तरंगों का असर नहीं पड़ता है।


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