फोन पर मोदी-ट्रंप की वार्ता के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में नई ऊर्जा आई : पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

Update: 2025-01-29 02:55 GMT
नई दिल्ली: पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सोमवार को हुई बातचीत से भारत-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की संभावना है और पीएम मोदी के आगामी वाशिंगटन दौरे से दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत मिलेगी।
श्रृंगला ने मंगलवार को आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, "ट्रंप 2.0 हमें कई कारणों से अनोखे अवसर प्रदान करता है। उनके पास रिश्तों को बेहतर बनाने का अवसर है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की भी इच्छा है। प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। दोनों देशों के बीच दोस्ती और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया।"
श्रृंगला ने कहा कि कैपिटल हिल में शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की मौजूदगी और राष्ट्रपति ट्रंप के पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका यात्रा के लिए भेजे गए निमंत्रण से हमने जमीन पर काम शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा और इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें चुनौतीपूर्ण माना जा सकता है, जैसे निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की ओर बढ़ना, अवैध अप्रवासियों का निर्वासन और अमेरिका निर्मित रक्षा उपकरणों की खरीद को बढ़ाना। लेकिन इन समस्याओं को सही तरीके से सुलझाया जा सकता है।
श्रृंगला ने कहा कि भारत ने कभी भी अवैध अप्रवास का समर्थन नहीं किया है। हमेशा वाशिंगटन में भारतीय अधिकारियों ने मिलकर अवैध अप्रवासियों के निर्वासन में मदद की है। अमेरिका में कानूनी प्रवास को व्यवस्थित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि यह अमेरिका के लिए प्रतिभा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके साथ ही, यदि एच-1बी वीजा या ग्रीन कार्ड के लिए प्रक्रिया सरल हो तो भारत के बहुत से युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे। श्रृंगला ने कहा, "यह अमेरिका के साथ हमारे रिश्तों का एक अहम हिस्सा होना चाहिए।"
द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर उन्होंने कहा कि भारत ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका के साथ आंशिक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा था और यह वार्ता जल्द ही फिर से शुरू हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा और एक-दूसरे के बाजार में ज्यादा पहुंच मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से टैरिफ जैसे मुद्दों से बचा जा सकेगा, जो ट्रंप के जेहन में सबसे ऊपर हो सकते हैं।
अमेरिका निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद के संदर्भ में श्रृंगला ने कहा कि यह हमेशा अमेरिकी पक्ष के साथ चर्चा का हिस्सा रहा है। अमेरिका को भारत को वह उपकरण देने में कोई समस्या नहीं होगी, जिसकी भारत को जरूरत है, और इसे समग्र वार्ता में शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, यह भारत पर एक दबाव भी डालेगा कि वह अमेरिकी रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाए, और यह मुद्दा भी ठीक से सुलझाया जा सकता है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अच्छे संबंध हैं, जो दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने में सहायक होंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच की केमिस्ट्री को ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' और अहमदाबाद में 'नमस्ते ट्रंप' जैसे कार्यक्रमों में देखा गया है, जहां दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता और आपसी सम्मान दिखा। इन कार्यक्रमों ने दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा दी और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया।
श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों के व्यक्तिगत रिश्ते अक्सर देशों के रिश्तों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच एक विशेष केमिस्ट्री है, जिसे दोनों नेताओं ने कई बार सार्वजनिक रूप से दिखाया है। अच्छे रिश्ते ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का आधार होते हैं, और इस संबंध में मोदी और ट्रंप के बीच की केमिस्ट्री एक मजबूत आधार बन सकती है।
उन्होंने कहा कि सोमवार की बातचीत बहुत ही सकारात्मक रही। इससे भारत-अमेरिका रिश्तों में और सुधार होगा। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच और अधिक संवाद तथा सहयोग से दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत होंगे, और इस दिशा में किए गए प्रयास भविष्य में दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होंगे।
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