हर वर्ग को साधता हुआ संतुलित है बजट: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

Update: 2024-07-24 03:07 GMT
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' ने संसद में मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए इसे हर वर्ग को साधता हुआ संतुलित बजट करार दिया है। मंच ने कहा कि इसमें समाज के हर तबके का खास ख्याल रखा गया है। ग्रामीण विकास, कौशल, नौकरियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के मद में रकम बढ़ाई गई है।
मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से निपटने के लिए आम आदमी को सरकार ने कई बड़ी राहत दी है। कुल मिला कर इसे चौतरफा विकास के लिए सभी वर्गों को साधता एक संतुलित बजट कहा जा सकता है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इकाई, 'नेशनल कमीशन फॉर माइनॉरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन' के सदस्य डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि बजट नए अवसर, ढेर सारे रोजगार और स्वरोजगार देने वाला है। यह युवा वर्ग के लिए उज्ज्वल भविष्य लेकर आया है। यह विकसित भारत की ठोस नींव रखेगा। साथ ही विकास को नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा। शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए बजट आवंटन में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है और इस पर 44,095 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। विश्व स्तरीय प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए बजट में 1,800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जबकि अनुसंधान तथा नवाचार के लिए 355 करोड़ रुपये और समग्र शिक्षा अभियान के लिए 37,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मंच की राष्ट्रीय महिला संयोजिका डॉक्टर शालिनी अली ने बजट में महिलाओं के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल और शिशु गृहों की स्थापना की जाएगी। रोजगार प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं घोषित की गई हैं। ये योजनाएं बेरोजगारी दूर करने में मील का पत्थर साबित होंगी। महिलाओं के लिए पहली बार नौकरी पर अतिरिक्त वेतन का प्रावधान हुआ है जो सरकार की उज्ज्वल योजना पर रोशनी डालती है।
उन्होंने कहा कि हर साल 25 हजार छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव है। घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण के लिए ई-वाउचर की सुविधा दी गई है। हर साल एक लाख छात्रों को ऋण राशि पर तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज की छूट दी जाएगी। सोने-चांदी के दाम लगातार बढ़ रहे थे। ऐसे में उन पर कस्टम ड्यूटी घटाकर छह फीसदी करने से सोने और चांदी के गहने कुछ सस्ते हो जाएंगे। निश्चित रूप से यह महिलाओं के लिए बड़ा तोहफा माना जा सकता है।
मंच ने कैंसर से जुड़ी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की भी तारीफ करते हुए स्वास्थ्य बजट आवंटन पर संतोष व्यक्त किया है। मंच ने बजट में सभी वर्गों का चौतरफा ध्यान रखने, महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं, मुद्रा लोन की राशि बढ़ाने, एमएसएमई और विनिर्माण पर खास ध्यान देने, नई आयकर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपए करने के साथ-साथ आयकर की दरों में भी बदलाव करने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की है।
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