अफगानिस्तान की पिछली सरकार के राजदूत ने छोड़ा पद, तालिबान का था दबाव
इसाकजई ने इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूनाइटेड नेशंस में अफगानिस्तान की पूर्व सरकार के राजदूत गुलाम इसाकजई ने मौजूदा तालिबानी शासकों द्वारा उनके स्थान पर अपने राजदूत को नियुक्त करने की कोशिशों के बीच पद से इस्तीफा दे दिया है। यूनाइटेड नेशंस के प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि इसाकजई ने 16 दिसंबर को यूनाइटेड नेशंस को बताया कि उन्होंने एक दिन पहले अपना पद छोड़ दिया है।
यूनाइटेड नेशंस में अफगानिस्तान के मिशन ने ट्वीट कर बताया है कि नसीर फैक अस्थायी प्रभारी राजदूत के तौर पर जिम्मेदारी निभाएंगे। मिशन ने कहा कि वह यूनाइटेड नेशंस में अपने लोगों की चिंताओं और वैध मांगों को उठाता रहेगा। बता दें कि तालिबान नेता लंबे वक्त से अपने प्रतिनिधि मोहम्मद सुहैल शाहीन को इस पद पर नियुक्त करने की कोशिश कर रहे थे।
यूनाइटेड नेशंस में तालिबान के पसंद का डिप्लोमैट नहीं रहने पर तालिबान भड़का हुआ था। सुहैल शाहीन ने मामले को लेकर कहा था कि यूनाइटेड नेशंस को अपनी तटस्थता साबित करनी चाहिए और अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार को यह सीट देनी चाहिए।
यूनाइटेड नेशंस में डिप्लोमैट रहे इसाकजई को पिछले जून में तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने नियुक्त किया था, जिनकी सरकार को तालिबान ने 15 अगस्त को अमेरिका और नाटो सैनिकों की अचानक वापसी के बीच हटा दिया था।
तालिबान ने इस पद पर बने रहने के लिए इसाकजई की साख को चुनौती दी थी। यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली द्वारा इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाए जाने से इसाकजई पद पर बने हुए थे। इसाकजई ने इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।