कौशल विकास परियोजना के लिए एक्सिस माय इंडिया से साझेदारी, खराब ट्रैक रिकॉर्ड पर उठे सवाल
नई दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत काम करने वाली सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) संस्था, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एनएसडीसी ने 'एक्सिस माय इंडिया', एक पोलस्टर एजेंसी के साथ साझेदारी की है, जो प्रमुख कौशल विकास परियोजनाओं में मदद करने के लिए विभिन्न हिस्सों में लाभार्थियों की भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।
यह साझेदारी विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्रों में कौशल विकास पहल के लिए बनाई गई है। हालांकि, इस निर्णय ने व्यापक संदेह और विवाद पैदा कर दिया है।
इस विवाद का मुख्य कारण यह है कि 'एक्सिस माय इंडिया' अपने पहले के पूर्वानुमानों में लगातार विफल रहा है। सबसे उल्लेखनीय विफलता 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उसकी गलत भविष्यवाणी थी।
लोकसभा चुनाव 22024 को लेकर एक्सिस माय इंडिया ने दावा किया था कि भाजपा के नेतृत्व में एनडीए 400 से अधिक सीटों पर विजय प्राप्त करेगा। यह पूर्वानुमान पूरी तरह से गलत साबित हुआ। चुनाव के नतीजों ने हर किसी को हैरान किया, भाजपा महज 240 सीटों पर बहुमत से दूर जा सिमटी। इस चुनाव में एनडीए को 293 सीटें मिलीं, जो एक्सिस माय इंडिया के अनुमानित 361-400 सीटों से काफी कम थीं।
इस गलती के बाद, 2024 में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भी एजेंसी की भविष्यवाणी गलत साबित हुई थी। एक्सिस माय इंडिया ने दावा किया था कि, इस चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने वाला है। लेकिन, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर एजेंसी ने कांग्रेस के 53-65 सीटों की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो गलत निकली। इसके बावजूद, एनएसडीसी ने क्यों 'एक्सिस माय इंडिया' को एक महत्वपूर्ण कौशल विकास परियोजना में साझेदार के रूप में चुना, यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
इस परियोजना का उद्देश्य कौशल विकास कार्यक्रमों की स्थिति, लाभार्थियों की भागीदारी और उद्योग की आवश्यकताओं पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करना है। यह डेटा भविष्य की नीतियों की समीक्षा के लिए जरूरी होगा। लेकिन, एक्सिस माय इंडिया के खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें संदेह है कि क्या यह कंपनी सटीक और विश्वसनीय डेटा प्रदान करने में सक्षम होगी। एक ओर जहां एजेंसी ने बार-बार गलत आंकड़े प्रदान किए हैं, वहीं दूसरी ओर इस एजेंसी पर भरोसा करना एक जोखिम जैसा प्रतीत होता है।
'एक्सिस माय इंडिया' के प्रमुख प्रदीप गुप्ता का 2024 के चुनाव परिणामों पर लाइव टीवी पर आंसू बहाना एजेंसी की विश्वसनीयता को फिर से स्थापित करने में नाकाम रहा। विपक्षी पार्टियों ने पहले ही इस पोलस्टर की विफलता की आलोचना की है, खासकर जब इसकी गलत भविष्यवाणियां न केवल जनता को गुमराह करती हैं, बल्कि, बाजार में भारी गिरावट का कारण भी बनीं, जिससे बाजार मूल्य में लगभग 400 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
अब, जब एनएसडीसी ने एक्सिस माय इंडिया के साथ समझौता किया है, तो विशेषज्ञ और पर्यवेक्षक इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक ऐसी कंपनी को इतना महत्वपूर्ण कार्य सौंपना समझदारी का कदम है, जिसकी डेटा एकत्र करने की पृष्ठभूमि गलतियों से भरी रही है। इस साझेदारी पर संदेह बढ़ रहा है और यह सवाल है कि क्या यह निर्णय सचमुच सही था और क्या यह परियोजना उम्मीदों पर खरा उतरेगी।