आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में सुधांशु त्रिवेदी ने बंगाल सरकार पर साधा निशाना

Update: 2024-08-16 11:33 GMT
लखनऊ: कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर की दूसरे वर्ष की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले को लेकर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 'इंडिया' ब्लॉक में शामिल नेताओं का इस मामले में आचरण बहुत ही शर्मनाक रहा है। सबसे पहले इस मामले को आत्महत्या बताने का प्रयास किया गया।
सुधांशु त्रिवेदी ने यहां कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मंशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस प्रधानाचार्य को हटाया गया, उसे दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया। इससे मन में बहुत गहरा संदेह उत्पन्न होता है।
भाजपा नेता ने कहा, “इसके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि आखिर कुछ नहीं हुआ, तो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी। कई लोगों ने इस बात पर आशंका जताई कि बंगाल पुलिस इस मामले को मैनिपुलेट करने की कोशिश कर सकती है और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में जो कुछ भी हुआ, उसने कई तरह के सवाल उठाए। प्रदर्शन की आड़ में कुछ लोगों ने जिस तरह से डॉक्टरों के साथ मारपीट की, उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि अब तक की जांच में सामने आया है कि प्रदर्शनकारी उस सेमिनार हॉल का रास्ता पूछ रहे थे, जहां यह कुकृत्य हुआ था। ऐसा वे इसलिए कर रहे थे, ताकि घटना से जुड़े साक्ष्यों को मिटाया जा सके। साफ जाहिर होता है कि आज का विषय एक घटना नहीं, बल्कि मानसिकता है और यह मानसिकता पश्चिम बंगाल में आज से नहीं चल रही है, बल्कि इससे पहले भी कई तरह की घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर देश भर में डॉक्टरों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। सीबीआई ने अब तक कई लोगों से पूछताछ की है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि जब तक मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। बीते दिनों इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानाचार्य ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि इस घटना के प्रकाश में आने के बाद उनकी बदनामी हो रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। लेकिन, इसके बाद उनका किसी दूसरे कॉलेज में स्थानांतरण कर दिया गया, जिसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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