वीर सावरकर के योगदान का अध्ययन किया जाना चाहिए: इंदर सिंह परमार

Update: 2024-08-16 11:36 GMT
भोपाल: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शुक्रवार को कहा कि वीर सावरकर के योगदान का अध्ययन किया जाना चाहिए और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को उसके उचित संदर्भ में जनता के सामने पेश किया जाना चाहिए।
मंत्री ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि देश के लिए जिन लोगों ने कुर्बानी दी है, उनका इतिहास भी पढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा पर काम हो रहा है। खुशी की बात है कि उसमें मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य बनने जा रहा है। राज्य ने विचार की प्रक्रिया तेज की है। सभी विश्वविद्यालयों में ज्ञान परंपरा का प्रकोष्ठ बनाया है।
परमार ने कहा, "भारतीय ज्ञान परंपरा को लेकर बहुत से लोगों को संशय था। हम सेमिनार के माध्यम से उन संशयों को दूर करने का काम कर रहे हैं। इसलिए, कमेटी के माध्यम से हमने तय किया है कि सभी महाविद्यालयों में किताबों का भंडार बने। हमारे पुस्तकालय समृद्ध बनें, जहां अच्छा लिखने वाले लेखकों की किताबों का भंडार हो।"
उन्होंने कहा कि कुछ किताबों में गलत बातें लिखी गई हैं, जैसे कि 'रावण का वध भगवान राम ने नहीं, बल्कि लक्ष्मण ने किया था'। हमारे धर्म को लेकर जो अन्य भ्रांतियां हैं, जो गलत बातें किताबों में लिखी हैं, उन्हें दूर करने का काम कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा, "भारतीय ज्ञान परंपरा किसी राजनीतिक दल की विचारधारा का एजेंडा नहीं है। क्या संघ का कार्यकर्ता देश की सेना में नहीं जा सकता है? क्या वह प्रोफेसर नहीं बन सकता है? क्या वह किसान नहीं बन सकता है?"
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