Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बनेगा सोलर पार्क, एक लाख उपभोक्ताओं को मिलेगी बिजली

Update: 2024-07-17 09:23 GMT
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के करीब 1,700 हेक्टेयर में सोलर पार्क विकसित किया जाएगा। इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की देखरेख में बीओओ (बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट) मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
पिछले साल अगस्त में यूपीडा की ओर से प्री-फिजिबिलिटी के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किया गया था, जिसमें नौ संस्थाओं की ओर से प्रेजेंटेशन दिया गया था। इनमें से मेसर्स ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट ने इसी साल फरवरी में अपनी विस्तृत रिपोर्ट यूपीडा के अधिकारियों के सामने पेश की थी, जिसे हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष यूपीडा के अधिकारियों ने प्रस्तुत किया था।
मुख्यमंत्री योगी पूरे क्षेत्र को सोलर फार्म के रूप में स्थापित करके इसे सोलर एक्सप्रेसवे बनाना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार यूपीडा की ओर से इस सोलर पार्क के लिए 1,700 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। ये भूमि इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिज-वे और सर्विस रोड के बीच है। मुख्य कैरिज-वे और सर्विस रोड के बीच उपलब्ध भूमि की औसत चौड़ाई 15-20 मीटर है। यहीं पर सोलर पार्क निर्मित किया जाएगा।
इस पूरे क्षेत्र में सोलर रेडिएशन दर 5 से 5.5 केडब्ल्यूएच प्रति स्क्वायर मीटर प्रतिदिन है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां सोलर पार्क को विकसित करने में तकरीबन 2,500 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। इसके लिए कंपनियों को 25 साल के लीज पर भूमि आवंटन की व्यवस्था होगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर विकसित होने वाले सोलर पार्क से 450 किलोवॉट ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा, जो करीब 1 लाख उपभोक्ताओं की आवश्यक्ता को पूरा कर सकेगा।
इटावा से चित्रकूट तक लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बांदा और जालौन में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए इस एक्सप्रेसवे के किनारे 25,000 से अधिक वृक्षों को लगाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री योगी ने दिए हैं। इसके किनारों पर पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर और नीम के वृक्ष लगाए जाएंगे। वहीं, बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा करीब 36,000 एकड़ में नोएडा की तर्ज पर नया शहर बसाने की कवायद भी तेज गति से आगे बढ़ रही है, जिसे 2028 तक विकसित करने का लक्ष्य सीएम योगी ने तय किया है।
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