जम्मू-कश्मीर में हालात आतंकवाद व उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं के लिए बदतर: भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला

Update: 2024-07-12 03:22 GMT
नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने जम्मू-कश्मीर के हालात बदतर बताने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि राज्य के हालात आतंकवादी, अलगाववादी और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं के लिए ही बदतर हैं। अब नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक दौर में है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान, 'जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद, 1996 से भी बदतर हालात हैं', पर प्रेम रत्न शुक्ल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि आतंकवादियों के लिए हालात निश्चित तौर पर 1996 से बदतर हैं। आतंकवादियों के बल पर राजनीति चमकाने वाले अब्दुल्ला और उनके जैसे नेताओं के लिए भी मुश्किल हालात हैं। लेकिन जम्मू और कश्मीर और देश की जनता आतंकवाद के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार की लड़ाई का निर्णायक दौर देख रही है।
उन्होंने कहा कि, जिस तरह से आतंकवादियों की मांद में घुसकर उनको खत्म किया गया है, उसको देखकर अब्दुल्ला जैसे नेता आतंकवादियों के चीयरलीडर बन गए हैं और इन जिहादियों के चीयरलीडर्स को भारत और कश्मीर की जनता भी अब भली-भांति पहचानती है।
उमर अब्दुल्ला द्वारा जम्मू-कश्मीर की जनता के खुद अपना फैसला करने और मौजूदा हालातों में इलेक्शन नहीं कराने के बयान पर प्रेम शुक्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की आवाम भारत की ही आवाम है और इस देश में गणतंत्र है। गणतंत्र में हर नागरिक अपना फैसला खुद करता है। अब्दुल्ला क्या बात करना चाह रहे हैं? अगर अब्दुल्ला अलगाववादियों की बात करना चाहते हैं, तो अलगाववाद को ठीक करना संप्रभु भारत का दायित्व है, अब्दुल्ला को इस बात का भी ख्याल होना चाहिए।
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