लखनऊ: समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा, उन पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इस पर अब बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया है।
शहजाद पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा, “जहां दिखे सपाई और लाल टोपी, समझो वहां गुंडई ही गुंडई। समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को सात साल की सजा सुनाई गई है। उन्होंने फातिमा नाम की एक महिला की झोपड़ी में आग लगा दी थी। इतना ही नहीं, उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए साजिश भी रची।“
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “सपा का मतलब जंगलराज, माफिया राज और अराजकता है। इस लोकसभा चुनाव में सपा को जैसे ही कुछ सीटें मिली, उनके समर्थक उग्र होकर नंगा नाच कर रहे हैं। हालांकि, इन लोगों का चरित्र हमेशा से ही ऐसा रहा है। चाहे वो मुख्तार अंसारी को संरक्षण देना हो या किसी बड़े डॉन माफिया को। यह हम हमेशा से ही देखते आए हैं। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने अपने पहले के शासनकाल में भी उग्र तत्वों को संरक्षण दिया था और आज भी जंगलराज और माफिया राज को बढ़ाने वाले इन्हीं के विधायक हैं। वो ऐसे लोगों को जेल में नहीं भेजते, जैसे योगी जी भेजते हैं, बल्कि वो उनको विधानसभा में भेजते हैं।“
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “अब अखिलेश जी बताएं कि क्या वो इरफान सोलंकी या उनकी पार्टी में जो गुंडों की लंबी सूची है, उस पर कार्रवाई करेंगे? नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें संरक्षण देंगे। ये लोग इन्हें अपने सिस्टम का हिस्सा बनाएंगे। समाजवादी पार्टी जंगलराज को संरक्षण देती है। यही नहीं, इसमें इंडी अलायंस के नेता भी आते हैं, जो जंगलराज को संरक्षण और समर्थन देते हैं।“
बता दें कि सपा विधायक इरफान सोलंकी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को सात साल की सजा सुनाई और 80 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। महाराजगंज जेल में बंद इरफान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। इरफान के भाई रिजवान को भी सात साल की सजा सुनाई गई है। तीन जून को सपा विधायक और उसके भाई को इस मामले में दोषी करार दिया गया था और शुक्रवार को सजा सुनाई गई।
पीड़ित नजीर फातिमा ने इस मामले में सपा विधायक के खिलाफ 8 नवंबर 2022 में मामला दर्ज कराया था। विधायक समेत 12 लोग अभियुक्त बनाए गए थे। नजीर ने सभी पर अपना घर जलाने का आरोप लगाया था। 18 महीने चली सुनवाई के बाद इरफान सोलंकी को सजा सुनाई गई। सजा सुनाये जाने के बाद अब उनकी विधायकी जाना तय है।
जब किसी जनप्रतिनिधित्व को किसी मामले में 6 साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो सदस्यता कोर्ट द्वारा रद्द कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में इरफान सोलंकी की भी विधायकी जाना तय है।