सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने महिंद्रा और आईसीआईसी बैंक को लेकर लगे आरोपों को किया खारिज
मुंबई: सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने शुक्रवार को हाल ही में लगाए गए नए आरोपों को सिरे से खारिज किया। माधबी पुरी बुच ने कहा कि सेबी में नियुक्त होने के बाद उन्होंने कभी भी अगोरा एडवाइजरी, अगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा ग्रुप, पिडिलाइट, डॉ रेड्डीज, अल्वारेज और मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी किसी फाइल को डील नहीं किया है।
सेबी चेयरपर्सन की ओर से यह बयान निजी तौर पर जारी किया गया है। इसमें आरोपों को पूरी तरह झूठा, निराधार, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक बताया। दंपत्ति की ओर से कहा गया, "यह सभी आरोप झूठे, गलत, निराधार, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक हैं। आरोप स्वयं हमारे आयकर रिटर्न पर आधारित हैं। दूसरे शब्दों में, यह सभी मामले हमारे आयकर रिटर्न का हिस्सा हैं, जिसमें इन सभी मामलों का पूरी तरह से खुलासा किया गया है और इन पर टैक्स का भी भुगतान किया गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि उनका आयकर रिटर्न फर्जी और अवैध तरीके से प्राप्त किया गया है। बयान में आगे कहा गया कि यह हमारी निजता का ही उल्लंघन नहीं है, बल्कि हमारे मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। साथ ही इसमें इनकम टैक्स के नियम का भी उल्लंघन किया गया है।
बयान में स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया कि आईसीआईसीआई बैंक द्वारा अगोरा को जो भुगतान किया गया। वह उसके बैंक में जमा डिपॉजिट पर ब्याज है। बुच और उनके पति का यह बयान कांग्रेस के उन आरोपों के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि सेबी चीफ के पास उस फर्म की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसने महिंद्रा एंड महिंद्र ग्रुप को कंसल्टेंसी सर्विसेज उपलब्ध कराई है और उनके पति को 4.78 करोड़ रुपये की आय महिंद्रा एंड महिंद्र ग्रुप से मिली है। महिंद्रा ग्रुप की ओर से कांग्रेस के इन आरोपों को लेकर कहा गया है कि यह झूठे और भ्रम फैलाने के उद्देश्य से लगाए गए आरोप हैं।