सीएसएमआईए में टर्मिनल 1 के रीडेवलपमेंट से 2 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को मिलेंगी सेवाएं
मुंबई: छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (सीएसएमआईए) में टर्मिनल 1 (टी 1) के रीडेवलपमेंट से प्रतिवर्ष अतिरिक्त 2 करोड़ यात्रियों को सेवाएं मिलेंगी। यह मौजूदा क्षमता से 42 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी एयरपोर्ट द्वारा मंगलवार को दी गई।
टर्मिनल 1 का रीडेवलपमेंट का कार्य 2028-29 तक पूरा होगा। इसका बिल्ट-अप एरिया दो मिलियन स्क्वायर फीट से अधिक होगा। यह ग्राहकों की सुविधा और डिजिटाइजेशन का बेंचमार्क होगा।
सीएसएमआईए, जिसका प्रबंधन अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) द्वारा किया जाता है के एक बयान के अनुसार, टी1 के आधुनिकीकरण का पहला चरण इस साल नवंबर में शुरू होगा।
टर्मिनल 1 का रीडेवलपमेंट एयरपोर्ट के संचालन में व्यवधान को कम करने के लिए चरणों में किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में मौजूदा संरचना को ध्वस्त करना शामिल है। नवंबर 2025 से इसकी शुरुआत होगी, उसके बाद नए टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा।
सीएसएमआईए टी2, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ 2025 में चालू किया जाना है। इससे टी1 के ध्वस्त होने का कम से कम प्रभाव होगा।
दोनों एयरपोर्ट मिलकर यात्रियों और उड़ान कार्यक्रमों को समायोजित करेंगे, जिससे मुंबई शहर और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) दोनों की बढ़ती मांगों को पूरा किया जा सके।
अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) के निदेशक जीत अदाणी ने कहा, "सीएसएमआईए की टीम हमारे पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रही है, जिससे दैनिक परिचालन या यात्री अनुभव में न्यूनतम व्यवधान के साथ सुचारू परिवर्तन सुनिश्चित किया जा सके।"
2028-29 में पूरा होने पर सीएसएमआईए में नया टर्मिनल 1 सस्टेनेबल इनोवेशन का प्रतीक बनकर उभरेगा, जो पर्यावरण के प्रति जागरूक एयरपोर्ट के डिजाइन के लिए वैश्विक मानक स्थापित करेगा। सीएसएमआईए में टी1 भारत का पहला ब्राउनफील्ड, बायोफिलिक, सस्टेनेबल एयरपोर्ट बनने की आकांक्षा रखता है।
रिडेवलपमेंट में अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा। इसमें डिस्ट्रिक्ट कूलिंग, अत्याधुनिक विद्युत सब स्टेशन और आधुनिक बैगेज हैंडलिंग सिस्टम शामिल है। ये बदलाव एयरपोर्ट के संचालन के हर पहलू को बेहतर बनाएंगे, चाहे वह हवाई हो या जमीनी।
सीएसएमआईए, भारत का पहला एयरपोर्ट बन गया है, जिसे वैश्विक स्तर पर जानीमानी एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) से प्रतिष्ठित लेवल पांच की मान्यता मिली है।