लोग शिविरों में जाकर 'पीएम उदय' योजना का लाभ लें : उपराज्यपाल वीके सक्सेना

Update: 2024-12-02 02:57 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों से विशेष शिविरों में जाकर उनके लिए लागू की गई 'पीएम उदय' योजना का लाभ उठाने की अपील की है।
उपराज्यपाल ने रविवार को पत्रकारों से कहा, " 'प्रधानमंत्री उदय' योजना एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसे पहले दिल्ली में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य गरीब और छोटे घरों के मालिकों को उनके मकानों का मालिकाना हक देना था। हालांकि, योजना के अंतर्गत आवश्यक प्रक्रियाओं के चलते बहुत से लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे थे, जिससे यह समस्या पिछले पांच-छह साल से बनी हुई थी। इसको ध्यान में रखते हुए शिविर लगाए गए हैं। यहां सभी सुविधाएं और हेल्प डेस्क हैं, ताकि लोग अपनी समस्याओं को हल कर सकें।"
उन्होंने कहा, "बहुत से लोग नोटरी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे और कागजात अपलोड कर दिए थे। अब इन शिविर में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जहां कागजात की कमी को तुरंत पूरा किया जा रहा है। यदि नोटरी नहीं हुई थी तो उसे भी तुरंत कराया जा रहा है और इसके बाद प्रमाणपत्र प्रदान किए जा रहे हैं। यह संभवतः पहली है कि इतने बड़े पैमाने पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आज तक 40 लोगों को मालिकाना हक के प्रमाणपत्र दिए गए हैं। कल (शनिवार को) 2,790 लोगों ने इन शिविरों का दौरा किया और आज भी भारी भीड़ देखी जा रही है, जिससे यह योजना सफल साबित हो रही है। मुझे बताया गया है कि पूरी दिल्ली में लगभग 62 हजार आवेदन लंबित हैं, और मेरी कोशिश होगी कि इन सबका समाधान जल्द से जल्द किया जाए।"
उन्होंने कहा कि यह शिविर पूरे महीने चलेगी और हम सभी समस्याओं का समाधान करेंगे। जिन लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, उन्हें भी सुविधा दी जा रही है ताकि वे भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकें। यहां का माहौल बहुत अच्छा है और लोग खुशी-खुशी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। अब लोग देख रहे हैं कि सरकार उनके द्वार पर आकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है।
उपराज्यपाल ने कहा, "हमने पहले भी कई सार्वजनिक कार्यों को अच्छे से अंजाम दिया है और लोग इनसे खुश हैं। इस योजना में दिल्ली के सांसदों का भी पूरा सहयोग है और हम मिलकर जनता की समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। जो 62 हजार पुराने आवेदन हैं, वे भी समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। इन शिविरों में कोई सीमा नहीं है; जो पात्र हैं, वे आकर आवेदन कर सकते हैं और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। अगर लाखों लोग भी आना चाहें, तो हम उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली में लोग छोटी-छोटी समस्याओं के लिए परेशान होते थे, जैसे म्युटेशन और बिजली कनेक्शन की लंबी प्रक्रिया। हमने इन समस्याओं को हल किया और अब बिजली कनेक्शन के लिए कोई लंबित आवेदन नहीं है। सरकार का कर्तव्य है कि वह जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करे और हम यही कर रहे हैं।"
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