पंजाब विहिप नेता 'बग्गा' की हत्या मामले में एनआईए का आरोपपत्र दाखिल, बीकेआई आतंकवादी समेत 6 नामित

Update: 2024-10-13 03:00 GMT
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या के मामले में पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) प्रमुख वधावा सिंह उर्फ बब्बर और पांच अन्य आतंकवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
दरअसल, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता बग्गा की 13 अप्रैल 2024 को पंजाब के रूपनगर जिले के नांगल में उनकी दुकान में बीकेआई मॉड्यूल के आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एनआईए के आरोपपत्र में बब्बर के साथ-साथ दो अन्य फरार आरोपियों और तीन गिरफ्तार आरोपियों को इस जघन्य हत्या के मुख्य अपराधियों के रूप में नामित किया गया है।
गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से दो की पहचान शूटर मनदीप कुमार उर्फ मंगली और सुरिंदर कुमार उर्फ रीका के रूप में हुई है, दोनों नवांशहर, पंजाब के निवासी हैं। उन पर विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए द्वारा आरोपित तीसरा गिरफ्तार आरोपी गुरप्रीत राम उर्फ गोरा भी नवांशहर का रहने वाला है और उस पर आर्म्स एक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं।
तीनों भगोड़े इन गिरफ्तार आरोपियों के संचालक थे। बब्बर वर्तमान में पाकिस्तान में है, उसने नवांशहर के हरजीत सिंह लाडी और यमुनानगर, हरियाणा के कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू के साथ मिलकर हमले को अंजाम देने के लिए हथियार, गोला-बारूद और धन आदि मुहैया कराया था।
एनआईए ने 9 मई 2024 को राज्य पुलिस से मामले को अपने हाथ में लिया और पाया कि इस घातक आतंकी हमले के पीछे बीकेआई की अंतरराष्ट्रीय साजिश थी। एनआईए की जांच के अनुसार, विभिन्न देशों में स्थित बीकेआई मॉड्यूल के कई सदस्य टारगेट मर्डर को अंजाम देने के लिए एक साथ आए थे।
जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान से वाधवा सिंह ने हरजीत सिंह उर्फ लाडी और कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू को हत्या करने के निर्देश दिए थे। दुबई स्थित लॉजिस्टिक प्रदाता और भारत स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं की भूमिका भी जांच में सामने आई है। इसकी जांच जारी है।
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