बेंगलुरू: हाल ही में कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के बाद अब कांग्रेस सरकार बेंगलुरू में पानी पर शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है।
पानी पर शुल्क बढ़ाने की ओर इशारा करते हुए उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि पिछले 10 सालों से पानी के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है और इसकी समीक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों से इस मुद्दे की जांच करने को कहा है।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''बेंगलुरु में पानी पर 10 साल से शुल्क हीं बढ़ाया गया है और हमें बहुत नुकसान हो रहा है। हमने नई परियोजनाएं शुरू की हैं और कोई भी बैंक बेंगलुरू जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड को वित्तपोषित करने के लिए आगे नहीं आ रहा है।''
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''कावेरी परियोजना का पांचवां चरण पूरा होने जा रहा है और 10 से 15 दिनों में मैं इस संबंध में बीडब्ल्यूएसएसबी का काम पूरा करना सुनिश्चित करूंगा। पानी के बिल का 70 प्रतिशत हिस्सा बिजली बिल और लेबर चार्ज से आता है। हर साल हमें बड़ा नुकसान हो रहा है, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। मैं संभावनाओं पर काम कर रहा हूं और कंपनी (बीडब्ल्यूएसएसबी) को स्थिर करने के तरीके पर चर्चा कर रहा हूं।''
उन्होंने कहा, "वित्तपोषण समिति, विश्व बैंक और अन्य लोग भी हमसे कह रहे हैं कि हम इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं और इसे बराबरी के स्तर पर लाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं। विभिन्न अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग कर्मचारी यही संदेश दे रहे हैं।"
आगे कहा, ''हमें जल वितरण प्रणाली का विस्तार करना है। मैंने अब बेंगलुरु के लिए छह टीएमसी अधिक पानी आवंटित किया है। हमें बेंगलुरु को पानी उपलब्ध कराने के लिए एक और चरण का काम शुरू करना है। जब तक हम उन्हें यह नहीं दिखा देते कि बीडब्ल्यूएसएसबी एक स्वतंत्र कंपनी है और एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करती है, तब तक कोई विकल्प नहीं है।''
जल शुल्क में यह बढ़ोतरी कब की जाएगी, इस पर शिवकुमार ने कहा कि मैंने अपने अधिकारियों से इस मुद्दे की जांच करने को कहा है। आखिरकार, हम इसे पब्लिक डोमेन में रखेंगे और फिर हम कोई निर्णय लेंगे।"