चंपई सोरेन की जासूसी से झारखंड पुलिस का इनकार, कहा - सुरक्षा ड्यूटी में लगाए गए थे स्पेशल ब्रांच के दो एसआई

Update: 2024-08-29 03:13 GMT
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे चंपई सोरेन की जासूसी कराए जाने के आरोप पर झारखंड पुलिस ने बुधवार शाम प्रेस रिलीज जारी कर अपना पक्ष रखा है। इसमें जासूसी के आरोप को गलत बताते हुए कहा गया है कि स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर, जिनके जासूसी के आरोप में चिह्नित किए जाने की बात मीडिया एवं सोशल मीडिया में कही जा रही है, वे मंत्री की सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे।
राज्य पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पारम्परिक तौर पर दिल्ली एवं अन्य राज्यों में विशेष शाखा की टीम झारखंड संबंधी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सूचना जुटाती रही है। जिन गणमान्य व्यक्तियों को विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षा दी जाती है, उन्हें सुरक्षा देने में भी विशेष शाखा, झारखंड, रांची की टीम का योगदान रहता है। दोनों पुलिस सब इंस्पेक्टर को ऐसी ही ड्यूटी के दौरान गलतफहमी के कारण चिह्नित किया गया। इस संबंध में सभी संबंधित जांच एजेंसियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है। इसके बाद दिल्ली में डिटेन किए गए दोनों अफसरों को मुक्त कर दिया गया है।
रिलीज में आगे कहा गया है कि चंपई सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं एवं वर्तमान में झारखंड सरकार के मंत्री हैं और जिन्हें उच्च सुरक्षा कवर हासिल है। विशेष शाखा के पुलिस पदाधिकारी वहां अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। इस पूरे प्रकरण में नियमानुसार, आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के ताज होटल में ठहरे चंपई सोरेन के लोगों ने झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर को मंगलवार की शाम दिल्ली होटल में जासूसी के आरोप में पकड़ा था। दोनों अफसरों को दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने की पुलिस को सौंपा गया था। चंपई सोरेन की ओर से उनके पीएस ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के पास एफआईआर के लिए आवेदन भी दिया था।
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार दिन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि झारखंड में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के इशारे पर विशेष शाखा के दो सब इंस्पेक्टर को चंपई सोरेन की एक-एक गतिविधि की रेकी करने की ड्यूटी में लगाया गया था। सरमा ने इसे निजता पर हमले का बेहद गंभीर मामला बताते हुए इसकी जांच की मांग की। भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले में हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच की मांग की थी।
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