सितंबर में भारत के कार्गो वॉल्यूम में 5 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई दर्ज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'परिवहन के माध्यम से परिवर्तन' पर फोकस जलमार्गों को भारत के नए राजमार्गों में बदल रहा है। सितंबर में, 12 प्रमुख बंदरगाहों द्वारा हैंडल किए गए कार्गो की मात्रा बढ़कर 413.747 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हो गई, जो कि सालाना आधार पर 5.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल-अगस्त 2024 के लिए राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल का परिवहन 56.57 एमएमटी तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है।
भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से परिवहन किए जाने वाले माल की मात्रा 2013-14 में 18.07 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) से छह गुना से अधिक बढ़कर 2023-24 में 133.03 एमएमटी हो गई। सरकार के अनुसार, 2016 में 106 नए राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए। जिसके बाद ऑपरेशनल जलमार्गों की संख्या 2013-14 में 3 से बढ़कर 2024 तक 26 हो गई।
इसके अलावा, 14 नए राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास को मंजूरी दी गई है। केरल, गोवा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में स्थित इन जलमार्गों का विकास 400 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है। 'मैरीटाइम इंडिया विजन 2030' और 'मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047' के तहत निर्धारित लक्ष्यों के साथ, केंद्र सरकार का लक्ष्य कार्गो यातायात को बढ़ावा देना है।
कार्गो यातायात के साथ सरकार का लक्ष्य कार्गो की मात्रा 2030 तक 200 एमएमटी और 2047 तक 500 एमएमटी करना है। इस सप्ताह क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन (आईडब्ल्यूटी) क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से विकास के महत्वपूर्ण अवसर मौजूद हैं, और सरकार विकास को गति देने के लिए पीपीपी मॉडल का विस्तार करने पर विचार कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "जलमार्ग से 1 टन माल परिवहन की लागत लगभग 1.06 रुपये प्रति किमी है, जो कि रेल द्वारा 1.36 रुपये प्रति किमी और सड़क मार्ग द्वारा 2.50 रुपये प्रति किमी से काफी कम है।"