भारत ने ग्रीन अमोनिया निर्यात करने के लिए जापान से किया समझौता

Update: 2024-08-21 09:15 GMT
नई दिल्ली: भारत ने जापान के साथ ग्रीन अमोनिया निर्यात करने के लिए एग्रीमेंट किया है। यह भारत के ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया प्रोडक्शन में वैश्विक लीडर बनने की तरफ एक कदम है। न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय (एमएआरई) की ओर से यह जानकारी दी गई है।
न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज, सोजित्ज कॉर्पोरेशन, क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर और एनवाईके लाइन के बीच भारत से जापान को ग्रीन अमोनिया निर्यात करने के लिए ऑफटेक एग्रीमेंट हुआ है।
रिन्यूएबल एनर्जी के सोर्स का उपयोग कर सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज भारत में ग्रीन अमोनिया के प्रोडक्शन का नेतृत्व करेगी।
क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर की ओर से ग्रीन अमोनिया को अपने एनर्जी मिक्स में एकीकृत करने का वादा किया गया है। ग्रीन अमोनिया का उपयोग जापान में थर्मल पावर प्लांट में कोयले के विकल्प के रूप में किया जाएगा।
सोजित्ज कॉर्पोरेशन ग्रीन अमोनिया को उत्पादक से लेने और खरीदने वाली कंपनी तक पहुंचाने का काम करेगी। वहीं, एनवाईके लाइन भारत से जापान तक का ग्रीन अमोनिया का समुद्री परिवहन का कार्य करेगी।
जोशी ने आगे कहा कि इस एग्रीमेंट से भारत और जापान के बीच एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनेगी, इसके माध्यम से ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भविष्य की साझेदारी के रास्ते खुलेंगे।
मंत्री ने आगे कहा कि 7.5 लाख टन प्रति वर्ष (टीपीए) ग्रीन अमोनिया उत्पादन का टेंडर खुला हुआ है और 4.5 लाख टीपीए के लिए जल्द ही खोला जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की रणनीति एक मिलियन टन प्रति वर्ष से ज्यादा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने पर इंसेंटिव देने की है, जिससे भारत में ग्रीन एनर्जी उत्पादन को कई गुना बढ़ाया जा सके।
इस एग्रीमेंट का उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर ग्रीन एनर्जी मार्केट में एक बड़े प्लेयर के तौर पर स्थापित करना है। जापान के साथ करार भारत की ग्रीन एनर्जी में क्षमता को भी दिखाता है।
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