भारत ने कहा- आतंकवाद की परिभाषा पर यूएन अभी सहमत नहीं, पाक खाली करे कश्मीर का अवैध हिस्सा
भारत ने इस बात पर चिंता जताई है कि आतंकवाद की एक साझा परिभाषा पर संयुक्त राष्ट्र अभी तक सहमत नहीं हुआ है और ना ही इस वैश्विक संकट से निपटने व आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए कोई समन्वित नीति तैयार की गई है।
भारत ने इस बात पर चिंता जताई है कि आतंकवाद की एक साझा परिभाषा पर संयुक्त राष्ट्र अभी तक सहमत नहीं हुआ है और ना ही इस वैश्विक संकट से निपटने व आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए कोई समन्वित नीति तैयार की गई है। भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एक व्यापक संधि की प्रक्रिया को टालते जा रहे हैं और असफल साबित हुए हैं। इस बीच, यूएन में भारत के स्थाई मिशन के काउंसलर आर. मधुसूदन ने कहा है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से को खाली करे, जो उसने अवैध रूप से कब्जाया हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में द्वितीय सचिव दिनेश सेतिया ने संगठन के कार्य को लेकर महासचिव की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक में कहा, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से देश और समाज जिस सबसे खतरनाक संकट से जूझ रहे हैं, उस आतंकवाद से गंभीरता से निपटने की हमारी अक्षमता उन लोगों के लिए संगठन की प्रासंगिकता पर सवाल उठाती है, जिनकी रक्षा करना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत उसकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र अभी किसी साझा परिभाषा पर सहमत नहीं हो पाया है। वह आतंकवाद से निपटने और इसके नेटवर्क को खत्म करने की समन्वित नीति बनाने में नाकाम रहा है। हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एक व्यापक संधि करने की प्रक्रिया को टालना जारी रखकर असफल ही साबित हुए हैं।
भारत ने 1986 में रखा था प्रस्ताव
भारत ने 1986 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को लेकर व्यापक संधि (सीसीआईटी) पर संयुक्त राष्ट्र में एक मसौदा दस्तावेज का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है, क्योंकि सदस्य देशों के बीच आतंकवाद की परिभाषा को लेकर सर्वसम्मति नहीं बनी है। भारत ने लबिया प्रतिबंध समिति पर एक रिपोर्ट भी पेश की।
तिरुमूर्ति की अध्यक्षता में यूएनएससी आतंकरोधी समिति की पहली बैठक
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी की आतंकरोधी समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करने पर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट किया, भारत ने 2022 के लिए सीटीसी की अध्यक्षता की और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की आतंकरोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के काम को बहुत महत्व दिया।
भारत ने 2022 में यूएन को दिए 2.99 करोड़ डॉलर
भारत ने वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट आकलन के तहत 2.99 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है। यूएन में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, भारत एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र को पूरी राशि का भुगतान करने को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। भारत 193 सदस्य देशों में से उन 24 देशों में है, जो 2022 के लिए नियमित बजट आकलन के तहत पूरी राशि का दे चुके हैं।
समूचा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा : मधुसूदन
यूएन में भारत के स्थाई मिशन के काउंसलर आर. मधुसूदन ने कहा है कि समूचा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा, पाकिस्तान के प्रतिनिधि माने या ना मानें। हम पाकिस्तान से कहते हैं कि वह अपने अवैध कब्जे वाले सारे हिस्से को खाली करे।
अकरम के बयान का दिया जवाब
मधुसूदन ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को संरक्षण, मदद व सक्रिय सहयोग देने का इतिहास रहा है। भारतीय काउंसलर ने यह बात पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम के बयान के जवाब में कही। अकरम ने पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था।