भारत इस दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार : गौतम अदाणी

Update: 2024-09-06 03:16 GMT
मुंबई: अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को यहां कहा कि यह अब अच्छी तरह तय हो चुका है कि इस दशक के अंत तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
शिक्षक दिवस के अवसर पर शहर के जय हिंद कॉलेज में अपने संबोधन में गौतम अदाणी ने कहा कि भारत केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कई महत्वपूर्ण पहलों को और मजबूती प्रदान करने तथा उन आर्थिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों को जारी रखने की स्थिति में है, जो पिछले एक दशक में हमारी शानदार यात्रा की शक्ति रहे हैं।
अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, "एक राष्ट्र के रूप में - हम आज से पहले कभी इसके इतने करीब नहीं थे। हम एक अविश्वसनीय कालखंड की कगार पर खड़े हैं, जहां भारत का ऐसे सबसे बड़े विकास प्लेटफार्मों में से एक बनना तय है, जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा होगा।"
वैश्विक आर्थिक स्थितियों के बावजूद, भारत एक चमकता सितारा बना हुआ है। देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का विकास अनुमान अप्रैल में अनुमानित 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। विश्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास के पूर्वानुमान को पिछले 6.6 प्रतिशत से संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया है। डिजिटल परिवर्तन द्वारा संचालित जबरदस्त गति देश के विकास को निश्चितता प्रदान कर रही है और रोमांचक बना रही है।
गौतम अदाणी ने कहा, "पिछले एक दशक में हमने एक ऐसा मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है, जिसे देखकर दुनिया के दूसरे देश भी उसकी लालसा कर रहे हैं। यूपीआई को ही लें, यह डिजिटल फाइनेंस में एक क्रांति है, जिसने लाखों लोगों के लिए सहज लेनदेन को उनकी जीवनशैली का हिस्सा बना दिया है। साथ ही, मोबाइल प्रौद्योगिकी में हमारे नेतृत्व ने देश के हर कोने को पहले से अधिक सशक्त बनाया है, जिससे डिजिटल समावेशन एक वास्तविकता बन गया है।"
उन्होंने कहा कि अदाणी समूह ने हवाई अड्डों से लेकर बंदरगाहों तक, लॉजिस्टिक्स से लेकर औद्योगिक पार्कों और ऊर्जा तक, देश के बुनियादी ढांचे को फिर से परिभाषित करने में मदद की है, लेकिन, ये जीत समूह को परिभाषित नहीं करते।
अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, "चुनौतियों को स्वीकार करने और उन पर विजय पाने की मानसिकता ने अदाणी समूह की यात्रा को स्वरूप दिया है। मजबूती का मतलब गिरने से बचे रहना नहीं है। इसका मतलब गिरने के बाद हर बार और मजबूत होकर उठना है। यह असंभव को पार करने तथा दूसरी तरफ और मजबूत होने के बारे में है।"
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