मुझे अच्छा लगा राहुल गांधी परभणी गए, उन्हें विशालगढ़ भी जाना चाहिए था : वारिस पठान

Update: 2024-12-24 03:07 GMT
मुंबई: एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने परभणी हिंसा में एक युवक की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए कहा क‍ि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का वहां जाना अच्‍छा है, लेक‍िन उन्‍हें कोल्हापुर के विशालगढ़ भी जाना चाह‍िए था। वार‍िस पठान ने कहा क‍ि वहां मस्जिदों को तहस नहस किया, लोगों पर अत्याचार किया गया। अच्छा होता कि राहुल गांधी वहां भी चले जाते। मुसलमान उनको भर-भरकर वोट देता है, इसका भी उनको ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परभणी में सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत की जांच होनी चाहिए और दोष‍ियों के ख‍िलाफ सख्‍त कार्रवाई होनी चाह‍िए। सरकार को अराजक तत्‍वों के ख‍िलाफ सख्‍त रुख अपनाना चाह‍िए।
वारिस पठान ने संभल हिंसा पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान पर कहा है कि मैं रामभद्राचार्य जी से कहना चाहूंगा कि उन्हें सबसे पहले पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को पढ़ना चाहिए, इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी पूजा स्थल की प्रकृति या चरित्र, चाहे वह स्मारक, मंदिर, मस्जिद या दरगाह हो, बदला नहीं जा सकता है। वर्तमान में, मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, और सुनवाई होनी बाकी है। देश में अब जो हो रहा है, वह यह है कि पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और हमारे कुछ हिंदू भाइयों के बीच दरार पड़ती दिख रही है। पीएम मोदी 'सबका साथ, सबका विकास' की बात करते हैं, जबकि मोहन भागवत कहते हैं क‍ि कुछ लोग हिंदुत्व के चैंपियन बनने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह की हरकतों में शामिल होकर खुद को नेता साबित कर रहे हैं और मस्जिदों के अंदर मंदिर ढूंढ रहे हैं। पहले भी मोहन भागवत ने कहा है कि मस्जिदों में शिवलिंग ढूंढने की क्या जरूरत है। मुझे तो सब कुछ मिलीभगत प्रतीत होता है। मोहन भागवत की बात पीएम मोदी न मानें, ऐसा संभव नहीं लगता। देश में नफरत फैलाने का काम क‍िया जा रहा है।
वार‍िस पठान ने कहा क‍ि देश के असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। बेरोजगारी, महंगाई पर बात नहीं हो रही है। संभल का मामला कोर्ट में हैं। कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है, उसका सम्मान करना चाहिए। ह‍िंदुओं को भड़काने का काम नहीं होना चाहिए।
श‍िवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में चुनाव आयोग को चोर कहने पर उन्होंने कहा है कि मैं तो ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करूंगा। लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि हमने भी चुनाव के दौरान कई शिकायतें की थी। औरंगाबाद में बीच रास्ते में लोगों को पैसे बांटे जा रहे थे। चुनाव आयोग को वीडियो भी दिए थे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए।
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