‘उनकी अब उम्र हो गई, आराम करना चाहिए’, किरण चौधरी की भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सलाह

Update: 2024-12-27 03:19 GMT
भिवानी: बीजेपी की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने गुरुवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हुड्डा को सलाह देते हुए कहा कि अब उनकी उम्र हो गई है, इसलिए उन्हें आराम करना चाहिए।
बीजेपी सांसद किरण चौधरी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "यह तो होना ही था। पहले इनके निशाने पर मैं रहती थी। अब मैं नहीं रही तो इनकी आपसी लड़ाई सामने आ गई। सच्चाई यह है कि उदयभान ने भूपेंद्र सिंह के बोलने पर ही जिला प्रभारियों की लिस्ट जारी की होगी, लेकिन अब दीपक बावरिया को समझ आ गया होगा कि लिस्ट रोकने का सारा ठीकरा उन पर फोड़ा जाएगा। यह तो कांग्रेस की पुरानी कहानी है। इनके यहां लड़ाई और झगड़े चलते रहते हैं। अच्छा होता अगर हुड्डा किसी नए शख्स को नेता प्रतिपक्ष बनने देते, जिससे पार्टी में नई ऊर्जा पैदा होती। उनकी अब उम्र हो गई है और उन्हें आराम करना चाहिए। हालांकि, वह इस मौके को भी पकड़कर बैठे हैं। नेता प्रतिपक्ष बनेंगे तो उन्हें सरकारी कोठी और गाड़ी भी मिलेगी।"
किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस ईवीएम पर ठीकरा फोड़ती है, जबकी जहां कांग्रेस जीत जाती है, वहां चुप हो जाती है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को ईवीएम की बजाय अपनी अंदरूनी फूट पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस पार्टी अपनी हार के बाद खानापूर्ति करने के लिए एक कमेटी बनाती है, जिसमें वह सिर्फ ईवीएम में खामियां निकालते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है कि ईवीएम सुरक्षित है। अगर इनकी सरकार देश के किसी राज्य में बन जाए तो वहां यह लोग ईवीएम पर सवाल उठाते नहीं। जहां सरकार नहीं बनती, वहां ईवीएम पर सवाल उठाते हैं।"
किरण ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अबंडेकर को लेकर चल रहे कांग्रेस के विरोध पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर कभी कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब के दिए संविधान से छेड़छाड़ की। उन्होंने आपातकाल लगाया। अब कांग्रेस अपनी इस कमी को छिपाने के लिए नौटंकी कर रही है।
किरण चौधरी ने संसद के बाहर भाजपा व कांग्रेस नेताओं में हुई धक्का-मुक्की पर भी कांग्रेस पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने ऐसा कर देश हित में पेश होने वाले कई बिल व कानूनों को हंगामे की भेंट चढ़ा दिया।"
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