Madua की खेती में पाए बिना खर्चों के भी अच्छा मुनाफा

Update: 2024-08-04 09:10 GMT

Agriculture एग्रीकल्चर: मडुवा की खेती पारंपरिक खेती से ज्यादा लाभदायक हो सकती है. मडुवा एक सूखा-सहिष्णु प्रकार का अनाज है। इसकी खेती के लिए न्यूनतम संसाधनों की आवश्यकता होती है. पिछले दो वर्षों में गोड्डा के कई किसान भी मडुवा की खेती से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं. खेती की लागत cost of cultivation कम है और उपज अधिक है। इसके अलावा यह फसल बिना खाद और अन्य खर्चों के भी अच्छा मुनाफा दे सकती है। इसलिए अगर किसान इस फसल को अपनाएंगे तो उन्हें अपनी आय में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

चावल, मक्का और गेहूँ के अधिक लाभ
गोड्डा कृषि विज्ञान केंद्र में संचालित जिविदा हासा परियोजना के क्षेत्र समन्वयक मुन्ना कुमार ने स्थानीय लोगों को बताया कि किसान चावल, मक्का और गेहूं जैसी फसलों को बिना उर्वरक और अन्य खर्चों के उगाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अलावा झारखंड सरकार ने सभी स्कूलों और आंगनबाडी केंद्रों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन मडुवा के आटे से बने व्यंजन खाने का निर्देश दिया है. इसलिए किसानों को अब इसे बेचने के लिए ग्राहक ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ऐसे उगाएं मडुआ
इस खेती को करने के लिए किसानों को सबसे पहले खेतों की 2 से 3 बार अच्छी तरह जुताई करनी Ploughing होगी. फिर इसमें बिछिया डाल दें. जिसमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि खेतों में सिर्फ नमी बनी रहे और पानी जमा न हो. यह फसल कम पानी में भी अच्छी पैदावार ले सकती है. इसके बाद जब पौधा निकल आए तो उसे वापस लाइन में लगा दें. इसके बाद कुछ महीनों में जब फसल बड़ी हो जाए तो आप इसकी कटाई कर सकते हैं. इस फसल का पौधा इतना मजबूत होता है कि खरपतवार भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा पाते. इसकी कीमत 1,500 है और जीत 12,000 है।
किसान नासिक मुर्मू ने बताया कि इस बार उन्होंने 6 कट्ठा खेतों में मडुवा की खेती की है. जिसमें करीब 1500 रुपये की लागत के बाद करीब 10 हजार से 12 हजार रुपये की कमाई हुई है. इस खेती में जहां मेहनत कम होती है
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