नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में मारपीट और तोड़फोड़ की घटना पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार देर रात अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट किया। उसने कहा कि यह पूरी तरह से प्रायोजित घटना प्रतीत होती है और इसमें कुछ बाहरी तत्वों का हाथ है जो विश्वविद्यालय में शांति के माहौल को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय का कहना है कि उनकी ओर से छात्रों को दिवाली मनाने की सशर्त इजाजत दी गई थी। मंगलवार को शाम साढ़े सात बजे तक सब कुछ शांतिपूर्वक चलता रहा। इस दौरान कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नारेबाजी शुरू कर दी गई। इससे पता चलता है कि भीड़ में मौजूद बाहरी तत्वों ने सोची-समझी रणनीति के तहत जानबूझकर अशांति फैलाई। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक इस उपद्रव में बाद में गुस्से में आकर कुछ अन्य छात्र भी शामिल हो गए।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उन्होंने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ जामिया नगर थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा सीसीटीवी फुटेज और आंतरिक स्रोतों के माध्यम से आरोपियों की पहचान की जा रही है ताकि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही प्रशासन ने कहा है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया देश की गंगा-जमुनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और हर साल सभी धर्मों के लोग यहां खुशी-खुशी त्योहार मनाते हैं।
छात्रों द्वारा आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय में दिवाली समारोह के दौरान कार्यक्रम स्थल पर बाहरी पांथिक उन्मादियों तथा असामाजिक तत्वों ने "फिलिस्तीन जिंदाबाद" और अन्य भड़काऊ नारे लगाते हुए दीपोत्सव के दीप तोड़ दिए, रंगोली मिटाई और तोड़-फोड़ करके दीपोत्सव में सम्मिलित जामिया के विद्यार्थियों से मारपीट करने लगे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुताबिक, दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान "भारत माता की जय" का उद्घोष करते हुए जामिया के विद्यार्थी उल्लासित थे। कार्यक्रम शांतिपूर्ण चल रहा था। इसी बीच रात लगभग आठ बजे जामिया में कार्यक्रम स्थल पर बाहरी पांथिक उन्मादियों तथा असामाजिक तत्वों ने हमला किया।
छात्रों का आरोप है कि इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन हाथ पर हाथ धरे सब देखता रहा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यह भी आरोप लगाया कि इस दुखद घटना में बाहरी असामाजिक तत्वों ने विश्वविद्यालय की छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया, उन पर फब्तियां कसीं और उनके द्वारा बनाई गई रंगोली को पैरों से मिटा दिया। छात्रों ने विश्वविद्यालय से प्रश्न किया है कि क्या देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीपावली मनाना या "भारत माता की जय" के नारे लगाना अपराध है। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय परिसर सभी विद्यार्थियों के लिए हैं। जामिया प्रशासन और दिल्ली पुलिस से एबीवीपी ने दीपोत्सव के दौरान हिंसा करने वाले कट्टरपंथी तथा पांथिक उन्मादियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।