बेंगलुरु: आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम में सांस्कृतिक संध्या का आगाज, कई कलाकारों ने दी परफॉर्मेंस

Update: 2025-01-24 02:32 GMT
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम में गुरुवार को सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत हुई। श्री श्री रविशंकर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कला, संगीत और नृत्य के माध्यम से देश की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया गया।
श्री श्री रविशंकर ने आईएएनएस से कहा, "देश की गौरव और संस्कृति को बचाने के लिए हम अपनी कला को प्रोत्साहन दे रहे हैं। जब तक कलाविद प्रसन्न नहीं होंगे, तब तक संस्कृति को बचाना मुश्किल है। नहीं तो पाश्चात्य देश की कला पर हावी हो जाएगा। इसलिए इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को जोड़ा जा रहा है।"
उन्होंने महाकुंभ और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के सवाल पर कहा, "यह देश के लिए अच्छी बात है, क्योंकि सतयुग आ रहा है।"
कलाकार मनीषा साठे ने कहा कि आज के कार्यक्रम ने मेरा दिन बना दिया है। गुरुदेव के सामने प्रस्तुति देना एक शानदार अनुभव था। वह हमें आशीर्वाद देते हुए देख रहे थे। मैं इस दुनिया की सबसे सौभाग्यशाली महिला हूं, जिसने अपनी तीन पीढ़ियों के साथ परफॉर्म किया। मैं, मेरी बहू, बेटी और पोती हम सभी ने एक ही मंच पर एक साथ प्रस्तुति दी। मेरे लिए आज का दिन काफी खास था।
विश्व कला एवं संस्कृति मंच की निदेशक और संस्थापक श्रीविद्या वर्चस्वी ने कहा कि सभी विभाजनों को अगर कोई चीज जोड़ सकती है तो वह कला है। गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने पिछले चार दशकों से एक ऐसा मंच बनाया है, जो सिर्फ लोगों को ही नहीं बल्कि कला और संस्कृति से देशों को जोड़ रहा है और यही भाल इसका माध्यम भी है।
कलाकार रानी कोहिनूर ने कहा कि यहां परफॉर्म करना बहुत अच्छा अनुभव था। सबसे बड़ी बात आज के कार्यक्रम की यही थी कि यहां किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं था। हर कलाकार ने यहां परफॉर्म किया है। यहां आकर मुझे भी काफी अच्छा लगा है।
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