भारी बारिश के चलते केदारनाथ घाटी में हुए नुकसान की सीएम धामी ने लिया जायजा, जारी किए दिशा-निर्देश

Update: 2024-08-07 03:11 GMT
रुद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग पहुंचकर भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते हुए नुकसान, रेस्क्यू और बचाव कार्य, यात्रा को दोबारा शुरू करने को चल रही तैयारियों की समीक्षा की।
राहत-बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त मार्गो, पेयजल और विद्युत लाइनों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए सभी जानकारियां ली। इस दौरान उन्होंने आला-अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन बहाल करने को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएं। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को फिर से संचालित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार से हैली के माध्यम से फिर से संचालित हो जाएगी। हैली सेवा के माध्यम से केदारनाथ दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत छूट देने की घोषणा करते हुए कहा कि इसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल व सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त पेयजल और विद्युत लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक और सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में प्रयास कर रेस्क्यू अभियान से फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों के सुझाव और सहायता लेने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्री और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है।
इसके बाद सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान अतिवृष्टि से प्रभावित हुए जनजीवन, प्रभावित क्षेत्र तथा जो सड़क मार्ग भूस्खलन की चपेट में आए हैं उन्हें दुरुस्त करने पर है। इसके साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है।
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