'दिव्य कला मेला' का समापन: राकेश अग्रवाल बोले, दिव्यांगजन भी समाज का हैं हिस्सा, उन्हें मिलना चाहिए मौका
नई दिल्ली: दिल्ली के इंडिया गेट पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के साथ राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (एनडीएफडीसी) के माध्यम से 12 से 22 दिसंबर तक 22वां 'दिव्य कला मेला' का आयोजन किया गया। रविवार को इसका समापन है। 'दिव्य कला मेला' का उद्देश्य दिव्यांगों की कला, हुनर और उपलब्धियों को समाज के सामने लाना था।
इस मौके पर दिव्यांगों को लोन लेने के लिए मोबाइल एप का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही इस मेले में सबसे ज्यादा बिक्री करने वाले कश्मीर से आए दुकानदार को भी सम्मानित किया गया।
डीईपीडब्ल्यूडी के सचिव राकेश अग्रवाल ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए उनके सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इंडिया गेट पर आज बहुत भीड़ आई है। आज 'दिव्य कला शक्ति' में हमारे दिव्यांगजन आर्टिस्ट परफॉर्मेंस दे रहे हैं, इसकी हमें बहुत खुशी है। मेले में दिल्ली की जनता ने उनसे भरपूर खरीदारी की है।
उन्होंने कहा कि हमारे सभी दिव्यांग एंटरप्रेन्योर हैं, जिसमें महिला-पुरुष और कुछ बच्चे भी थे, वो सब बहुत खुश होकर घरों को वापस जा रहे हैं। लोगों को लगना चाहिए कि दिव्यांगजन हमारे समाज का ही हिस्सा हैं। वो पढ़ना चाहें, तो पढ़ सकते हैं, परफॉर्मेंस करना चाहें, तो कर सकते हैं, यहां पर सभी तरह की परफॉर्मेंस देखी गई है। दिव्यांगजन को मौका मिलना चाहिए, वो जो चाहें कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर बैंक के साथ एमओयू हुआ है। एनडीएफडीसी वहां के लोगों को अभी तक लोन नहीं दे पा रहा था। उन्हें लोन मिलना शुरू हो जाएगा। आज एप भी लॉन्च किया गया है, ताकि लोन लेना और सस्ता हो जाए। बहुत से लोग यहां से लाखों की बिक्री करके जा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है।