वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि वह भारत-चीन के बीच एलएसी समझौते पर "गहरी नजर" बनाए हुए है और सीमा पर तनाव कम होने का "स्वागत" करता है। यह बात मंगलवार को मीडिया से बातचीत में अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कही।
उन्होंने कहा, "हम घटनाओं पर करीबी नजर रखे हुए हैं। हम समझते हैं कि दोनों देश नियंत्रण रेखा पर तनाव वाले स्थानों से अपनी सेनाएं हटाने के शुरुआती कदम उठा चुके हैं। हम सीमा पर तनाव कम होने का स्वागत करते हैं।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले में अमेरिका की कोई भूमिका है, तो उन्होंने जवाब दिया, "नहीं, हमने भारतीय साझेदारों से इस बारे में जानकारी ली है, लेकिन इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।"
इससे पहले मंगलवार को रक्षा सूत्रों ने बताया था कि दोनों देशों के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग मैदानों और डेमचोक में अस्थायी ढांचों को हटा दिया है। सैनिकों को अब पीछे के क्षेत्रों में तैनात किया गया है, और पेट्रोलिंग छोटे-छोटे दलों के साथ होगी, जिनमें 10 से 15 सैनिक शामिल होंगे। गौरतलब है कि जून 2020 से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बना हुआ है। तब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था और दोनों ओर से सैनिक हताहत हुए थे।
एलएसी पेट्रोलिंग समझौता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले घोषित किया गया था। सम्मेलन रूस के कजान में 22 से 24 अक्टूबर के बीच हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया।