बीजिंग: हाल में चीन की राजधानी पेइचिंग में चीन अफ्रीका फोरम का शानदार और सफल आयोजन हुआ। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। इस सहयोग मंच के आयोजन में चीन की अग्रणी भूमिका की दुनिया भर में चर्चा हुई।
चीन अफ्रीका सहयोग मंच को लेकर हमने भारतीय मीडिया पर रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के जरिए हमने बताया कि चीन किस तरह अफ्रीका के कई अविकसित देशों की मदद करने में लगा हुआ है। इस सहयोग मंच के जरिए चीन ने अफ्रीका को व्यापक रूप से मदद देने का ऐलान किया।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन अफ्रीकी देशों के विकास में मदद कर रहा है। लेकिन, पूर्व में पश्चिमी देशों ने अफ्रीका में खनिजों और विभिन्न उत्पादों का शोषण किया, विकास कुछ नहीं किया। इस तरह अमेरिका जैसे विकसित देशों के कारण अफ्रीका को कोई लाभ नहीं पहुंचा। यह स्पष्ट है कि पश्चिमी देशों ने अफ्रीका को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इस तरह अफ्रीका का कोई हित नहीं हुआ है।
इसके विपरीत चीन पिछले कई वर्षों से अफ्रीका के साथ सहयोग करने में जुटा हुआ है। चीन पिछले 15 वर्षों से अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। चीन की कोशिश है कि अफ्रीका के आधारभूत ढांचे में सुधार किया जाय। इसके लिए चीनी कंपनियां अफ्रीका में रेलवे और सड़क व्यवस्था मजबूत कर रही हैं। लगातार विकास कार्य किए जा रहे हैं।
चीन द्वारा बड़ी मात्रा में अफ्रीका के विकास के लिए निवेश किया जा रहा है। अफ्रीका अब भी बहुत गरीब है, कई क्षेत्रों की स्थिति अच्छी नहीं है, चीन उनका विकास करने का उत्सुक है। स्थानीय स्तर पर विकास के कारण अफ्रीकी लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार के मौके मिल रहे हैं। चीन अफ्रीका से विभिन्न उत्पाद भी आयात कर रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फिर से दोहराया कि चीन खुलेपन का द्वार और चौड़ा करेगा, इसमें अफ्रीका को अहम स्थान पर रखा जाएगा। कृषि उत्पादों की बात करें तो पिछले सात महीनों में चीन और अफ्रीका के बीच लगभग 25 अरब युआन का व्यापार हुआ। जो लगातार बढ़ रहा है। कहा जा सकता है कि चीन और अफ्रीका के संबंध मजबूत हो रहे हैं, साथ ही अफ्रीका का विकास भी हो रहा है।