मुंबई: एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के नेता और प्रवक्ता राजू वाघमारे ने बुधवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने महायुति में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के लिए पैदा हुए तनाव पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि महायुति के अंदर कोई मनमुटाव, कोई मतभेद और कोई टकराव नहीं है। हमारे बीच कोई विवाद भी नहीं है। जहां तक यह सवाल है कि इतने बहुमत के बाद भी मुख्यमंत्री का पद क्यों तय नहीं हुआ, तो हम महायुति के शीर्ष नेताओं के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और वे जो भी फैसला करेंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे। ये कोई नया बयान नहीं हैं, हम चुनाव से पहले भी यह कहते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है और यहां पर हमें बहुमत मिला है। मुख्यमंत्री चुनने के लिए थोड़ा समय ले सकते हैं।
एकनाथ शिंदे के भावी सरकार में रोल से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो गया। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब वह कार्यवाहक सीएम के तौर पर महाराष्ट्र चला रहे हैं, जब तक कि राज्य को अगला मुख्यमंत्री नहीं मिल जाता है, वह अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि हम अभी भी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, और हम इसकी मांग करते रहेंगे। ऐसी मांग करना कोई अपराध नहीं है। हालांकि, जैसा कि हमने पहले कहा है, और जैसा कि हमारे नेता एकनाथ शिंदे ने भी कहा है, हम महायुति गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को स्वीकार करेंगे।
राहुल गांधी के वीर सावरकर पर दिए एक बयान पर उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और राहुल गांधी दिखाने के लिए चुप बैठते हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि वीर सावरकर के लिए उनके दिलों में नफरत भरी है। यह मोहब्बत की दुकान क्या लगाएंगे। इनके दिलों में वीर सावरकर के लिए सिर्फ नफरत है।
खास बात यह है कि एक तरफ राजू वाघमारे ने एकनाथ शिंदे के फिर से सीएम बनने की बात कही। तो, दूसरी तरफ बुधवार को एकनाथ शिंदे ने ऐलान कर दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना है। वह महाराष्ट्र की लाडली बहनों के लाडला भाई बनकर ही खुश हैं। उनके ऐलान के बाद साफ हो गया कि भाजपा खेमे से महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री तय है।