ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित प्राचीन ढाकेश्वरी मंदिर के एक पुजारी ने कहा कि शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों ही शक्तिपीठ की रक्षा के लिए साथ आए। प्रमुख शक्तिपीठों में से एक श्री श्री ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर का शुक्रवार को मीडियाकर्मियों ने दौरा किया और यहां पुजारियों व तीर्थस्थल आए हिंदू समुदाय के श्रद्धालुओं से बातचीत की।
मुख्य पुजारियों में से एक अशिम मैत्रो ने कहा, पांच अगस्त को जब सरकार विरोधी प्रदर्शन अपने चरम पर पहुंच गया था और शेख हसीना को भारत भागना पड़ा था, तब वह मंदिर परिसर में ही थे। मैं प्राचीन मंदिर और यहां स्थित देवी-देवताओं की मूर्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित था। मंदिर समिति के सदस्य भी यहां मौजूद थे और हमने मुख्य द्वार समेत अन्य द्वार बंद कर दिए।
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री हसीना देश छोडक़र गईं तो यहां कोई पुलिसकर्मी भी नहीं था। पुजारी ने कहा, स्थानीय लोगों ने मदद की। मुस्लिम, हिंदू और अन्य लोग मंदिर के बाहर पहरा देने के लिए पहुंच गए और इसलिए मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।