रानी मुखर्जी की सुपरहिट फिल्म 'मर्दानी' की सफलता का राज़...राइटर बोले- महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाना मकसद...

Update: 2020-08-22 12:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अभिनेत्री रानी मुखर्जी की सुपरहिट फिल्म 'मर्दानी' ने शनिवार को अपने छह साल पूरे कर लिए हैं। इस फिल्म में पहली बार रानी मुखर्जी वर्दी पहने हुए नजर आई हैं। रानी इस फिल्म के बाद अपने किरदार चुनने में काफी चूजी भी हो गई। वर्ष 2014 में आई इस फिल्म के बाद उन्होंने फिल्म 'हिचकी' में एक अध्यापिका का किरदार निभाया है। उसके बाद सीधे वह अपनी फिल्म 'मर्दानी' के पिछले साल रिलीज हुए सीक्वल में ही नजर आई हैं। इस फिल्म का निर्देशन गोपी पुथरन ने किया है जिन्होंने फिल्म 'मर्दानी' को लिखा है।

'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की सफलता के बारे में गोपी बताते हैं, 'मुझे लगता है कि इस फ्रेंचाइजी की सफलता का कारण यह है कि हमारे यहां महिलाओं पर आधारित रची कहानियों की बहुत ज्यादा कमी है। और अगर हैं भी तो उन्हें ठीक से बताया नहीं गया। इसलिए कहीं न कहीं मुझे लगता है कि 'मर्दानी' ने इस पितृसत्ता वाले समाज में अपने स्त्री होने पर गर्व महसूस कराया है। इस फिल्म सीरीज के दोनों भागों में हमने उन पक्षों को भी दिखाया है जहां अक्सर समाज में महिलाओं को समझौते करने पड़ते हैं। यही कारण है कि शायद इस फिल्म सीरीज को इतना सराहा गया है।'

गोपी ने इस फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत एक लेखक के रूप में की है। उन्होंने सबसे पहले यशराज फिल्म्स की फिल्म 'लफंगे परिंदे' को लिखा था। इसके बाद वह फिल्म 'मर्दानी' के निर्देशक प्रदीप सरकार के सहायक बने और इस सीरीज की दूसरी ही फिल्म में वह मुख्य निर्देशक के रूप में सामने आए। एक निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म के बारे में बताते हैं, 'मुझे लगता है कि यह फिल्म लोगों को उनकी रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़ने में कामयाब रही है। इस फिल्म ने उन मुद्दों को सामने रखा है जिनसे महिलाएं हमारे समाज में हर रोज लड़ती हैं। मुझे आशा है कि हम आगे भी इसी तरह अपनी कहानियों को जारी रखेंगे।'

गोपी के निर्देशन और लेखन ने जितना अच्छा काम किया है, उतना ही साथ उन्हें रानी मुखर्जी का भी मिला है। एक अभिनेता और निर्देशक के अच्छे तालमेल की वजह से ही इस फिल्म को ज्यादा कामयाबी मिली है। रानी के बारे में गोपी कहते हैं, 'दरअसल, शिवानी शिवाजी रॉय के किरदार को अगर किसी ने जिंदगी दी है तो वह रानी मुखर्जी ही हैं। उन्होंने अपने अनुभव से उस किरदार में बहुत गहराइयां पैदा कर दी हैं। वह एक वजह है जिससे इस किरदार की तरफ लोग खिंचे चले आते हैं। इस किरदार के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है और वही एक हैं जिन्होंने इसे जिंदा किया है।'

फिल्म में रानी मुखर्जी के एक्शन सीक्वेंस के बारे में गोपी ने बताया, 'वह एक्शन करने में तो माहिर हैं। उन्होंने 'मर्दानी' से लेकर 'मर्दानी 2' में एक्शन सीक्वेंस तो ऐसे किए हैं जैसे उनके लिए वह आम बात हो। यह कुछ ऐसा था जैसे वह पहले से ही उनका हिस्सा रहा है। तभी तो वह सब देखने में लोगों को संतुष्टि मिलती है। उन्होंने अपने किरदार में जितनी दयालुता लाई है, उसमें उतनी ही सख्ती भी है। रानी ने शिवानी का किरदार ऐसा बना दिया है जो भारतीय सिनेमा में पहले कभी नहीं देखा गया। यह सब खुद रानी ने अपनी योग्यता और होशियारी से किया है।'

यशराज फिल्म्स के साथ काम करते हुए गोपी को 10 साल पूरे हो चुके हैं। अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने बताया, 'लगता है कि यह मेरे कर्मों का ही फल है कि मुझे आदित्य चोपड़ा के साथ जुड़ने का मौका मिला। हमारी पहली मुलाकात से ही हमारे बीच एक अच्छा संबंध बन गया था। मैं यहां पूरी आजादी के साथ काम कर सकता हूं। यही मेरे और आदित्य के बीच रिश्ते की खास बात है। वह मुझे बहुत इज्जत भी देते हैं और उन्होंने मुझे कभी मेरे काम के बीच में टोका नहीं है। आदित्य से मिला मुझे समर्थन और आजादी ही वह चीज है जो मुझे कुछ अच्छा करने पर मजबूर करती है।'

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