पीएचडी और एमबीए कर चुका युवक गिरफ्तार, 500 से ज्यादा लोगों के साथ कर दिया ये कांड

पुलिस ने ऐसे पकड़ा...

Update: 2021-03-26 10:15 GMT

बड़ी कंपनियों में जॉब दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले पांच शातिर ठगों को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है. इस गैंग का सरगना ह्यूमन रिसोर्स में पीएचडी और एमबीए कर चुका है. यह लोग बेरोजगार युवकों से 20 लाख रुपये तक नौकरी दिलाने के नाम पर वसूल लेते थे. गिरोह के दो आरोपी बीटेक डिग्रीधारी हैं.

पुलिस के मुताबिक दिल्ली के उत्तम नगर के रहने वाले एक शख्स ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दी कि बड़ी एमएनसी कंपनी में बड़े पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर उससे कुछ लोगों ने 20 लाख रुपये की ठगी की है.
शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच साइबर सेल ने शुरू की. पुलिस के मुताबिक पीड़ित ने उन्हें बताया कि आरोपियों ने कभी उन्हें शक नहीं होने दिया क्योंकि उनके पास तमाम तरीके के फेक आईडी थे जो देखने में ओरिजिनल लगते थे.
कैसे करते थे धोखाधड़ी
आरोपियों ने वेबसाइट भी फेक बना रखी थी. इसके जरिये एक ईमेल आईडी से लगातार वह संपर्क करते थे. यह लोग पीड़ित से कभी रिजर्वेशन के नाम पर, कभी रजिस्ट्रेशन के नाम पर तो कभी डॉक्यूमेंटेशन के नाम पर अलग-अलग तरीकों से अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसे जमा करवाते रहे. लेकिन जब इस प्रक्रिया में कई महीने लग गए और नौकरी भी नहीं मिली तब पीड़ित को इन पर शक हुआ और वह पुलिस के पास पहुंचा. इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.
पुलिस ने ऐसे पकड़ा
आरोपियों तक पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक तो उन मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की जिन नंबरों से आरोपी पीड़ित से संपर्क करते थे. इसके अलावा पुलिस ने उस बैंक अकाउंट की डिटेल भी निकाले जहां पर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ था, और इस तरीके से पुलिस ने आरोपियों के गुड़गांव के उस फर्जी कॉल सेंटर का पता लगा लिया जहां पर वह बैठा करते थे. पुलिस ने वहां रेड कर मौके से 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पकड़ में आए आरोपियों के नाम मनोज होता, आशीष रंजन, अभिषेक कुमार, सोनू रावल और शेख पिंटू है. इनमे मनोज भुवनेश्वर का रहने वाला है जबकि बाकी गुरग्राम के रहने वाले हैं. इस गैंग का मुख्य सरगना मनोज है.
मनोज कॉमर्स में ग्रेजुएट है और उसके बाद इसने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से मास्टर्स किया. इसके बाद मनोज ने ह्यूमन रिसोर्स में पीएचडी की और उसके बाद कुछ विश्वविद्यालयों में यह लेक्चरर के तौर पर पढ़ाया भी. इसने एक अपना कॉलेज खोला लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो पाया. कॉलेज बंद हो गया. इस दौरान मनोज पर बहुत ज्यादा कर्ज चढ़ गया था.
बाद में मनोज ने ठगी के धंधे में हाथ आजमाने की योजना बनाई और इस धंधे से जुड़े लोगों से इतने संपर्क किया. गुरुग्राम में एक कॉल सेंटर खोला. पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने अब तक 500 से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है. पुलिस इनके पास से जो कंप्यूटर और मोबाइल जब्त किया है वो उनकी जांच कर रही है ताकि यह पता लग सके कि इन लोगों ने कुल कितनी रकम ठगी से अब तक कमाई है.


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