'याद करो कुर्बानी'… ASI बाबू राम को मिला अशोक चक्र, 14 एनकाउंटर में 28 आतंकी किए ढेर
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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. जम्मू-कश्मीर ये बहादुर सिपाही आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में 29 अगस्त 2020 को शहीद हो गए थे. एएसआई बाबू राम 14 एनकाउंटर का हिस्सा रहे, जिसमें 28 आतंकियों को मार गिराया गया था.
बाबू राम का जन्म 15 मई 1972 को जम्मू के पुंछ जिले के धारना गांव में हुआ था. बाबू राम बचपन से ही देश सेवा करने चाहते थे.
पढ़ाई पूरी करने के बाद बाबू राम 1999 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल तैनात हुए. जुलाई 2002 में उन्हें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में शामिल किया गया. एसओजी में रहते हुए उन्हें आतंकियों के खिलाफ कई सारे ऑपरेशन में हिस्सा लिया. बाबू राम आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में सबसे आगे थे. उनकी वीरता और बहादुरी की वजह से ही उन्हें समय से पहले प्रमोशन भी मिलता रहा.
आतंकियों से मुठभेड़ में ही शहीद हुए
29 अगस्त 2020 की शाम स्कूटी पर सवार तीन आतंकियों ने पुलिस और सीआरपीएफ की नाका पार्टी पर हमला कर दिया. गोलीबारी करते हुए ही आतंकी नजदीक के एक घर में छिप गए. एएसआई बाबू राम ने उन आतंकियों का पीछा किया और उस घर को घेर लिया.
सबसे पहले एएसआई बाबू राम ने एक्शन प्लान तैयार किया. उन्होंने आतंकियों से मुठभेड़ के बीच ही उस घर में फंसे लोगों को बाहर निकालने का ऑपरेशन शुरू किया.
इसी बीच सुरक्षाबलों की अतिरिक्त यूनिट भी पहुंच गई. आतंकियों से सरेंडर करने को कहा गया, लेकिन वो नहीं माने और लगातार गोलीबारी करते रहे. इसी बीच खबर आई कि घर में अब भी कुछ और लोग आतंकियों के साथ फंसे हुए हैं.
एएसआई बाबू राम आगे बढ़े और घर में फंसे लोगों को निकालना शुरू किया, तभी वो आतंकियों की गोली का शिकार हो गए. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और लश्कर कमांडर साकिब बशीर को मार गिराया. ऑपरेशन के दौरान घायल हुए एएसआई बाबू राम को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
इस मुठभेड़ में तीनों आतंकी मारे गए. लश्कर कमांडर साकिब बशीर के अलावा उसके दोनों साथी उमर तारिक और जुबेर अहमद शेख ढेर हो गए. अगर उस दिन एएसआई बाबू राम ने तेजी से कार्रवाई नहीं की होती तो आतंकी एक बड़ा हमला करने में कामयाब हो जाते.