रेसलिंग स्कूल की हालत खराब, यहीं से निकले है कई नेशनल और इंटरनेशनल रेसलर, अब सता रहा ये डर

इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा पानीपत के रहने वाले हैं.

Update: 2022-01-13 02:41 GMT

पानीपत: टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा पानीपत के रहने वाले हैं. इसी जिले में पट्टी कल्याणा नाम का एक गांव भी है, जिसकी एक पाठशाला से सीखकर कई नेशनल और इंटरनेशनल रेसलर निकले हैं. हालांकि अब इस पाठशाला की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि दीवारों और छत के गिरने का डर हरदम बना रहता है. इसी डर के साए में नन्हे पहलवान अब भी प्रैक्टिस कर रहे हैं.

हाल में ही झारखंड की राजधानी रांची में हुई नेशनल रेसलिंग चैम्पियनशिप में इस गांव की या यह कहें कि इस अखाड़े की दो लड़कियों ने अंडर 15 कुश्ती चैम्पियनशिप में अपना परचम लहराया और गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया था. अपने हुनर से कुश्ती चैम्पियन में परचम लहराने वाली 15-15 साल की तमन्ना और दिव्या ने बताया कि हमारी कुश्ती एकेडमी में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चे प्रैक्टिस करने आते हैं.
तमन्ना और दिव्या ने बताया कि दूरदराज से करीब दर्जनभर से ज्यादा गांव के होनहार खिलाड़ी यहां पर जोर आजमाइश करते हैं. जिस कमरे में बच्चे अपने भविष्य की तैयारी कर रहे हैं, वह बिल्कुल जर्जर हो चुका है और उन्हें डर के साए में यहां पर अभ्यास करना पड़ रहा है. ऐसे में इन दोनों खिलाड़ियों तमन्ना और दिव्या ने सरकार से कुश्ती एकेडमी में और अच्छी सुविधाओं की मांग की है.
हरियाणा को खेल और खिलाड़ियों का हब कहा जाता है. हरियाणा सरकार अपनी खेल नीति को देश की अन्य राज्य सरकारों से बेहतरीन खेल नीति बताती है और इसका व्याख्यान हरियाणा के मुख्यमंत्री से लेकर खेल मंत्री तक अपने भाषण में करते हैं. ऐसे में तमन्ना और दिव्या ने मुख्यमंत्री से अब बेहतर सुविधाओं की मांग की है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार उनकी बात सुनेगी.
हरियाणा ने कुश्ती में एक से एक बड़ा नामी ओलिंपिक खिलाड़ी दिया. यह सभी गांव के ही कुश्ती अखाड़े से अपने हुनर को दिखाते हुए देश के लिए मेडल लेकर आए. इनमें से कुछ नामी खिलाड़ी योगेश्वर दत्त, बजरंग पूनिया, रवि दहिया, साक्षी मलिक, सोनम मलिक और फोगाट बहने हैं.
इन्हीं खिलाड़ियों को देखते हुए हरियाणा के हजारों युवा अखाड़ों में अभी भी पसीना बहा रहे हैं, लेकिन हरियाणा में कुश्ती को निखारने के लिए हरियाणा सरकार दावे तो कर रही है कि हर गांव में खेल स्टेडियम बनाया जा रहे हैं, लेकिन जब 'आजतक' ने ग्राउंड रिपोर्ट की, तो हरियाणा सरकार के दावों की पोल खुल गई.


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