यूपी। पहलवानों का आरोप और खेल मंत्रालय के एक्शन के बीच अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का अगला दांव क्या होगा? क्या वह कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे या पद न छोड़ने के अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे? इस बात का फैसला आज (22 जनवरी) उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होने वाली कुश्ती संघ की कार्यकारिणी बैठक में हो सकता है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में बृजभूषण शरण सिंह अपना पक्ष कार्यकारिणी के सदस्यों के सामने रखेंगे. फिर उनके अध्यक्ष पर बने रहने या हटने पर चर्चा होगी.
यानी जिस अयोध्या की बदौलत बृजभूषण शरण सिंह राजनीति की बुलंदियों पर पहुंचे, अब उसी अयोध्या में होने वाली एक बैठक में यह तय होगा कि उनके सितारे गर्दिश में जाएंगे या फिर से बुलंदियों पर बने रहेंगे? यह वही अयोध्या है, जहां के आंदोलन से जुड़कर बृजभूषण शरण सिंह राजनीति से ऐसे सफर पर निकले, जहां उन्हें अब तक कोई पटखनी नहीं दे पाया.
हाल में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चीफ राज ठाकरे की अयोध्या यात्रा का विरोध करके भी बृजभूषण ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. बाबरी ढांचे के विध्वंस के मामले में बृजभूषण को भी आरोपी बनाया गया था. हालांकि CBI की स्पेशल कोर्ट से वो बरी हो गए थे. इस घटना को उनके सियासी करियर के मजबूत नींव के पत्थर के तौर पर देखा जाता है. बृजभूषण शरण सिंह पर महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. उन पर भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष पद छोड़ने का दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन वह इस्तीफा देने को राजी नहीं हैं. खेल मंत्रालय ने सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाते हुए WFI को गोंडा (यूपी) में चल रहे रैंकिंग टूर्नामेंट को रद्द करने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों से लिए गए प्रवेश शुल्क को वापस करने के निर्देश भी दिए हैं.