दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के साथ हुई जमकर ज़्यादती, पहलवानों को किया गया गिरफ्तार

Update: 2023-05-28 08:33 GMT

दिल्ली: पिछले एक महीने से जंतर-मंतर पर चल रहे हैं देश के नामी पहलवानों के धरने को आज दिल्ली पुलिस ने तहस नहस कर दिया। संसद भवन के बाहर महापंचायत करने के लिए जा रहे पहलवानों को जानवरों की तरह उठा उठाकर बसों में भरकर दिल्ली व हरियाणा के बॉर्डर वाले थानों में बंद कर दिया गया है । चेतना मंच की कैमरा टीम ने पहलवानों के साथ हुए पूरे घटनाक्रम को अपने कैमरों में क़ैद किया है ।


एक तरफ़ जहाँ नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर सरकार लोकतंत्र लोकतंत्र चिल्ला रही है वहीं संसद भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित जंतर मंतर पर तानाशाही का मंजर दिखाई दे रहा है। लोकतांत्रिक ढंग से पंचायत करके अपनी माँग उठाने वाले दुनियाभर में प्रसिद्ध पहलवानों को पुलिस ने ज़बरन गाड़ियों में ठूँसकर अलग अलग थानों में बंद कर दिया है। पंचायतों में शामिल होने आ रहे पहलवानों के समर्थकों को भी जगह जगह या तो हिरासत में लिया गया है या उनके घरों में नज़रबंद कर दिया गया है।

जंतर मंतर को पुलिस ने पूरी तरीके से सील कर दिया गया है। पहलवानों ने मार्च करने का प्रयास किया तो जंतर मंतर पर ही पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया समेत तमाम पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें अलग-अलग बसों में बैठा कर ले जाया जा रहा है। यह जानकारी अभी तक नहीं है कि उन्हें किन स्थानों में ले जाया जाएगा। पहलवानों ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है कि शांतिपूर्ण ढंग से महिला महापंचायत करना चाहते थे और पुलिस ने उन्हें नहीं करने दिया और उन्हें जबरन हिरासत में लिया जा रहा है।


पूरी दिल्ली में आज पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है तमाम जगहों से पहलवानों के समर्थन के लिए जो किसान महिलाएं और अन्य लोग यहां पहुंचना चाहते थे, उन्हें जगह जगह रोक दिया गया है। उन्हें हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग, बवाना और अन्य पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है। बसों में भरकर समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया है। मीडिया को भी जंतर मंतर पर जाने पर रोक लगा दी गई है।

जंतर मंतर के आसपास की दुकानों को पुलिस ने बंद करवा दिया है। ट्रैफिक की आवाजाही भी बंद करवा दी है आम लोगों को इससे बहुत परेशानी का सामना करना पड रहा है।

पुलिस ने धरना स्थल को क्षतिग्रस्त कर दिया है पहलवानों के वहां पर जो अस्थाई टेंट लगे हुए थे उन्हें उजाड़ दिया है और एक तरीके से धरने को वहां से खत्म करा दिया है। पहलवानों को गाड़ियों में भरकर कहां ले जाया गया इसकी जानकारी अभी तक नहीं हुई है।

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