वाह! युवक ने 50 एकड़ में लगाए 25,000 पौधे, जमकर हो रही कमाई

कृषि विभाग ने भी की तारीफ.

Update: 2021-10-01 11:49 GMT

Tree Plantation: कोरोनाकाल के दौरान लाखों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा. कई तो इस दौरान सबकुछ छोड़-छाड़ कर वापस अपने गांव की तरफ लौट गए. लेकिन इन सब के साथ युवाओं के बीच खेती को लेकर रूझान बढ़ रहा है. पिछले कुछ सालों में कई युवा नए जमाने की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

झारखंड के गढ़वा सदर प्रखंड के कुंडी गांव के संजय पांडे ने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद शेयर बाजार से अपना कारोबार करना शुरू किया था. उनके नाम खुद की भी कंपनी रजिस्टर्ड है. फिलहाल वे अपने गांव लौटकर दो सालों से खेती में हाथ आजमा रहे हैं. संजय ने अपने खेतों में पिछले दो वर्षों में तकरीबन 25 हजार पेड़ लगाये, जिसमे 20 हजार पेड़ आज भी सुरक्षित हैं.
50 एकड़ में लगाए 25,000 पौधे
संजय कहते हैं कि पिछले दो वर्षों में अपने गांव में 50 एकड़ भूमि में 20,000 से अधिक फलदार पौधे लगाए हैं. जिसमे 2400 अमरूद के पेड़, 3000 पपीते, 4000 आम, 5000 से अधिक सागवान के पेड़ हैं. इसके अलावा उन्होंने महोगनी, सेब बेर, बरगद, पीपल, नीम, और टोहेट और प्यूपोस समेत कई अन्य पौधों की खेती की शुरुआत कर रखी है.
संजय के भाई रौशन पांडेय के मुताबिक उन्हें इन पेड़ों से अब ठीक-ठाक मुनाफा होने लगा है. वे बताते हैं कि उन्हें इस बात की खुशी है कि गांव के अन्य युवा भी इससे प्रेरित होकर अपने खेतों में पेड़ों को लगाने की तैयारी में हैं. उनका कहना है कि इस काम से उन्हें मुनाफा हासिल तो ही रहा है, साथ ही आसपास के युवाओं को भी रोजगार का एक बेहतर मौका मिल रहा है.
कृषि विभाग ने भी की तारीफ
वहीं गढ़वा के कृषि विभाग के परियोजना निदेशक राजेश कुमार पाठक का कहना है कि ये पहल काफी शानदार है. फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. लेकिन जल्द ही कृषि पदाधिकारी को भेज कर इसकी जानकारी लूंगा. जरूरत पड़ने पर इस कार्य के लिए किसानों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
संजय पांडेय ने बताते हैं कि उनका लक्ष्य है कि उनके क्षेत्र के किसान भी पंजाब ,हरियाणा के किसानों जैसे आत्मनिर्भर हो सके. इसके लिए क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित कर अपने साथ जोड़ रहे हैं, साथ ही वे इन पेड़ों पर उत्पादित होने वाले उत्पादों को बाहर निर्यात कराने की भी तैयारी कर रहे हैं.
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