हक के लिए सडक़ों पर मजदूर

बड़ा। धौलासिद्ध में निर्माणाधीन हाइडल प्रोजेक्ट में रित्विक कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने दो दिन की हड़ताल की शुरूआत की। उन्होंने कंपनी प्रबंधन और एसजेवीएन प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर सिंह ठाकुर व हिमाचल भवन सडक़ निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार, रंजन शर्मा, …

Update: 2024-01-12 06:16 GMT

बड़ा। धौलासिद्ध में निर्माणाधीन हाइडल प्रोजेक्ट में रित्विक कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने दो दिन की हड़ताल की शुरूआत की। उन्होंने कंपनी प्रबंधन और एसजेवीएन प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर सिंह ठाकुर व हिमाचल भवन सडक़ निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार, रंजन शर्मा, परियोजना इकाई के महासचिव संतोष कुमार, इकाई अध्यक्ष नवीन ठाकुर ने संबोधित किया। जिला हमीरपुर में एकमात्र हाइडल प्रोजेक्ट में मजदूरों को न्यूनतम वेतन, सैलरी स्लिप, ओवरटाइम, बोनस, आवश्यक सुरक्षा उपकरण, सफाई व पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है। जो भी श्रम कानून के तहत मिलने वाली सुविधाएं हैं वो नहीं दी जा रही हैं। श्रम कानून का धड़ल्ले से मजाक उड़ाया जा रहा है। इससे पहले भी कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने संगठित होकर आंदोलन किया था और श्रम कानून के तहत मिलने वाली सुविधाओं जैसे न्यूनतम वेतन, ओवरटाइम, हाजरी कार्ड, सैलरी स्लिप, बोनस, छुट्टियों के लाभ, पीने के पानी की सुविधा, शैड, जूते व सेफ्टी किट जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर संघर्ष किया था। यूनियन कंपनी प्रबंधन और केंद्रीय श्रम अधिकारी के साथ चंडीगढ़ में संयुक्त रूप पर समझौता हुआ है।

जिसमें कंपनी ने लिखित तौर पर कहा है कि वह श्रम कानून के दायरे में आने वाली सुविधाओं को मजदूरों को देगी। बरसात के दौरान जिन लोगों को काम से हटाया गया था उन्हें कंपनी द्वारा काम पर दोबारा नहीं रखा जा रहा है। जो भी लोग प्रभावित हैं जिनकी जमीन इस परियोजना में चली गई है यह प्रभावित लोगों को भी काम पर नहीं रखा जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों में भी रोष व्याप्त है। कंपनी प्रबंधन जंगल राज की तरह काम कर रहा है और इस समझौते को भी लागू नहीं कर रहा है। सब ठेकेदारों रित्विक कंपनी प्रबंधन और एसजेवीएन प्रबंधन के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण हो रहा है। जहां मैस में एक तरफ कुछ मजदूरों से 2000 रुपए तक काटा जाता है वह कुछ मजदूरों से 4500 रुपए काटा जाता है। यह कंपनी इतनी ठंड में भी जब मजदूर काम कर रहे हैं तो जो मजदूरों को शैड दिए गए हैं उनकी छतों से पानी टप कर रहा है। कंपनी ने मजदूरों को मात्र एक-एक कंबल दिया है तथा उसी में मजदूरों को गुजारा करना पड़ रहा है। कंक्रीट का काम चल रहा है मगर कंक्रीट का काम करने के लिए जूते और महत्त्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए गए हैं उसमें भी कंपनी के ठेकेदार, कंपनी का प्रबंधन और एसजेवीएन प्रबंधन मजदूरों के खून पसीना कमाई को लूट रहे हैं। यह सब मिलीभगत के कारण हो रहा है। रित्विक कंपनी प्रबंधन के इस मनवाने रवैया के खिलाफ हड़ताल में निर्माणाधीन परियोजना में कार्यरत सभी 500 से ज्यादा मजदूरों ने भाग लिया और चेतावनी दी कि अगर मजदूरों को केंद्रीय श्रम अधिकारी मध्यस्थता से हुए समझौते को अगर लागू नहीं किया जाता है, तो आंदोलन और कड़ा किया जाएगा।

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